इस बदलाव को जम्मू कश्मीर के लोगों के नज़रिए से देखना अभी बाकी है, गुस्सा है तो उसे भी निकलने दीजिए
GUEST REPORT
आईपीएस डॉ ध्रुव गुप्त की कलम से
जो शेष है !
जम्मू कश्मीर से धारा 370 और अनुच्छेद 35ए हट गया। आतंक पर कारगर नियंत्रण केलिए एक मुकम्मल राज्य को अस्थायी तौर पर दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया। यह समय की ज़रूरत थी। इस बदलाव को जम्मू कश्मीर के लोगों के नज़रिए से देखना अभी बाकी है। जितनी जल्दी हो सके, प्रदेश को ताले से बाहर निकालिए ! सड़कें खोल दीजिए ! मुख्यधारा के राजनेताओं को मुक्त करिए ! वहां के लोगों में असंतोष है तो उसे व्यक्त होने दीजिए ! उनमें गुस्सा है तो उसे शांतिपूर्ण तरीके से प्रकट होने दीजिए !
मंत्रियों और सांददों को वहां लगाइए…
आतंक और अलगाववाद को रोकिए, विरोध-प्रदर्शनों को बिल्कुल नहीं ! उनकी सुनिए। उनसे संवाद कीजिए। अपने मंत्रियों और सांसदों को वहां लगाईए ! वहां के लोगों को विशेष दर्ज़े के छद्मलोक से बाहर निकालिए। उन्हें भरोसा दिलाईए कि कश्मीर में यह बदलाव देश के ही नहीं,ख़ुद कश्मीर के भी हित में है ।अगले कुछ दिनों में जम्मू कश्मीर को विकास की राह पर लाने और वहां के युवाओं को रोज़गार देने की कुछ बड़ी घोषणाएं कीजिए !
अगर संवाद के सभी रास्ते अविलंब नहीं खोले गए तो देश और प्रदेश के हित में लिया गया यह ज़रूरी फ़ैसला देश के लिए दुःस्वप्न भी साबित हो सकता है !

आपने लिखा है –
डॉ ध्रुव गुप्त
आप आईपीएस हैं। बिहार से हैं। आप बतौर पुलिस अधिकार देश की सेवा की है। अब आपने साहित्य जगत में आपने अपनी अलग पहचान बनाई है। देश के प्रतिष्ठ पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचना प्रकाशित होती रहती है। आपकी लेखनी काफी दिशा देने वाली होती है।