- – दैनिक दिनचर्या में स्थाई अभ्यास को शामिल करना शुरू करें और जीवन जीने के अधिक टिकाऊ तरीके को बढ़ावा देने के लिए आसपास के वातावरण के साथ संबंध विकसित करें : निदेशक
- दीक्षा समारोह में वर्ष 2021-23 बैच के छात्र छात्राओं को सम्मानित किया गया
Ranchi : IIM Ranchi का 12वां दीक्षांत समारोह स्वामी विवेकानंद आडिटोरियम में मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश के अलावे अध्यक्ष और सदस्य, बोर्ड आफ गवर्नर्स, निदेशक, संकाय, कर्मचारी और आइआइएम रांची के UG छात्र उपस्थित रहे। समारोह की शुरुआत शैक्षणिक जुलूस से हुई, जिसके बाद मंगलाचरण हुआ। समारोह में कुल 542 छात्र छात्राओं को विभिन्न प्रोग्राम में बेहतर प्रदर्शन के लिए मुख्य अतिथि के द्वारा डिग्री प्रदान की गई। वर्ष 2021-23 बैच के छात्र छात्राओं को सम्मानित किया गया। जिसमें एमबीए के 396 छात्र छात्राएं, एमबीए एचआरएम 69, एमबीए-बीए 34, एग्जीक्यूटिव एमबीए 37, पीएचडी 3, एग्जीक्यूटिव-पीएचडी के 3 छात्र छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई।
IIM Ranchi Director दीपक श्रीवास्तव ने सबों का स्वागत किया और संस्थान के बारे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। कहा कि संस्थान में डिजिटल बुनियादी ढांचे द्वारा समर्थित सबसे आधुनिक सुविधाएं हैं। निदेशक ने सभी स्नातक छात्रों को सलाह दी कि वे दैनिक दिनचर्या में स्थाई अभ्यास को शामिल करना शुरू करें और जीवन जीने के अधिक टिकाऊ तरीके को बढ़ावा देने के लिए आसपास के वातावरण के साथ संबंध विकसित करें। उन्होंने मन की बात अनुसंधान पहल, वंचित छात्रों के लिए एक छात्रवृत्ति कार्यक्रम, एएएससीबी मान्यता, यंग चेंजमेकर कार्यक्रम और जनजातीय मामलों के बारे में सीखने पर एक अनिवार्य पाठ्यक्रम की शुरूआत के बारे जानकारी दी। इसके अलावे ह्यूमैन कनेक्ट पहल शामिल है, जो मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। रांची हवाई अड्डे पर एक सामुदायिक पुस्तकालय का उदघाटन और एमजीएनएफ कौशल कान्क्लेव के बारे भी बताया। अपने विभिन्न पाठ्यक्रमों में किए गए व्यापक परिवर्तनों का उल्लेख कर अकादमिक उत्कृष्टता के लिए IIM Ranchi की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने देश में युवा नेतृत्व विकास के महत्व के बारे में बात की और इस बात पर जोर दिया कि यह पीढ़ी नौकरी सृजनकर्ताओं और प्रदाताओं की है न कि नौकरी चाहने वालों की। तैत्तिरीय उपनिषद के अंशों का हवाला देते हुए, जिसमें आचार्य से लेकर विद्यार्थी तक की अंतिम सलाह के साथ-साथ स्टीव जाब्स, जेके राउलिंग और शेरिल सैंडबर्ग जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों के प्रेरक उद्धरणों की बात की गई थी, इसके बाद वह IIM इसके विशाल और शानदार पूर्व छात्रों के कद की ओर बढ़ गए। उन्होंने मन की बात और ह्यूमैन कनेक्ट इनिशिएटिव के प्रभाव के साथ साथ सांस्कृतिक विरासत और समावेशिता की समझ के साथ पूर्ण व्यक्तियों का पोषण करने और उन्हें तैयार करने में भारत की जनजातियों पर अनिवार्य पाठ्यक्रमों पर जोर दिया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट आफ थिंग्स, रोबोटिक्स द्वारा संचालित वर्तमान तकनीकी युग की जटिलताओं के माध्यम से आगे बढ़ने और नेविगेट करने के संबंध में युवाओं को जानकारी हासिल करने की सलाह दी। उन्होंने बदलते सांस्कृतिक मानदंड, वैश्विक बाजार की बढ़ती जटिलता, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उदय, विकसित होता राजनीतिक परिदृश्य, स्वास्थ्य सेवा में क्रांतिकारी बदलाव और समाज को आकार देना जैसे विषयों पर चर्चा की। इसके बाद उन्होंने एक बहुत ही विचारोत्तेजक कविता जिसमें समूह को अच्छे इंसान बनने और समाज के लिए अच्छा करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया, का पाठ कर अपने भाषण का समापन किया।
IIM Ranchi के बोर्ड आफ गवर्नर्स के अध्यक्ष प्रवीण शंकर पंड्या ने पिछले कुछ वर्षों में संस्थान के उल्लेखनीय प्रगति की जानकारी दी। जिसमें प्रत्येक बैच पिछले बैच से आगे निकल गया, जिससे गुणवत्ता में निरंतर सुधार हुआ। उन्होंने भविष्य के नेताओं को आकार देने में IIM की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। छात्रों को पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति अधिक संवेदनशील होने और स्थिरता और वैश्विक चुनौतियों के प्रति सक्रिय रूप से योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। चेयरमैन ने छात्रों से देश के तेजी से विकास और उभरती अर्थव्यवस्था द्वारा प्रस्तुत प्रचुर अवसरों का लाभ उठाने का आग्रह किया। इस बात पर जोर दिया कि सीमित संसाधनों के बावजूद भारत ने एक महान राष्ट्र का निर्माण किया है और यहां तक कि कई विकसित देशों से भी बेहतर प्रदर्शन किया है। देश के प्रमुख बिजनेस स्कूलों का कर्तव्य है कि वे न केवल यह सुनिश्चित करें कि हमारे पास बिजनेस लीडर हों बल्कि उद्यमी भी हों जो सपना देख सकें और अगला बड़ा बिजनेस वेंचर तैयार कर सकें। उन्होंने कहा कि IIM Ranchi ने भी महात्मा गांधी राष्ट्रीय फैलोशिप और वंदन कार्यक्रमों का हिस्सा बनकर झारखंड में लोगों के जीवन की गुणवत्ता पर प्रभाव पैदा करने का प्रयास किया है।
एमबीए 2021-23 बैच :
- एमबीए, 2021-23 बैच : प्रथम स्थान पाने के लिए बोर्ड आफ गवर्नर के अध्यक्ष का पदक और योग्यता प्रमाण पत्र आशिक आनंद (सीजीपीए 9.24) को दिया गया। उनका नाम वर्ष 2023 के लिए संस्थान के आनर रोल में शामिल किया गया है
- दूसरे स्थान पर रहने के लिए निदेशक पदक और योग्यता प्रमाण पत्र हर्षवर्द्धन नागेलिया (सीजीपीए 8.95) को दिया गया। उनका नाम वर्ष 2023 के लिए संस्थान के आनर रोल में भी शामिल किया गया
- तीसरे स्थान पर रहने के लिए कार्यक्रम अध्यक्ष का पदक और योग्यता प्रमाण पत्र पल्लवी (सीजीपीए 8.71) को दिया गया
- चौथे स्थान पर रहने के लिए पुस्तक पुरस्कार गुरनाज कौर गिल (सीजीपीए 8.5) को दिया गया
- पांचवें स्थान पर रहने के लिए पुस्तक पुरस्कार सृजन गर्ग (सीजीपीए 8.39) को दिया गया।
एमबीए-एचआरएम 2021-23 बैच :
- एमबीए-एचआरएम, 2021-23 बैच : प्रथम स्थान पाने के लिए बोर्ड आफ गवर्नर के अध्यक्ष का पदक और योग्यता प्रमाण पत्र पल्लवी सिंह (सीजीपीए 8.7) को दिया गया
- दूसरे स्थान पर रहने के लिए निदेशक पदक और योग्यता प्रमाण पत्र साक्षी रांका (सीजीपीए 8.64) को दिया गया
- तीसरे स्थान पर रहने के लिए कार्यक्रम अध्यक्ष का पदक और योग्यता प्रमाण पत्र चिन्मय झा (सीजीपीए 8.20) को दिया गया
- चौथे स्थान पर रहने के लिए पुस्तक पुरस्कार अजय यादव (सीजीपीए 8.07) को दिया गया
- पांचवें स्थान पर रहने के लिए पुस्तक पुरस्कार सोनम पात्रा (सीजीपीए 8.07) को दिया गया।
एमबीए-बीए 2021-23 बैच :
- एमबीए-बीए, 2021-23 बैच : प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए बोर्ड आफ गवर्नर के अध्यक्ष का पदक और योग्यता प्रमाण पत्र सतीश रविशंकर (सीजीपीए 8.66) को दिया गया
- दूसरे स्थान पर रहने के लिए निदेशक पदक और योग्यता प्रमाणपत्र अरित्रा भट्टाचार्य (सीजीपीए 8.57) को दिया गया
- तीसरे स्थान पर रहने के लिए कार्यक्रम अध्यक्ष का पदक और योग्यता प्रमाण पत्र श्रेयांश मोहंती (सीजीपीए 8.25) को दिया गया
- चौथे स्थान पर रहने के लिए पुस्तक पुरस्कार मृणाल मिश्रा (सीजीपीए 8.14) को दिया गया
- पांचवें स्थान पर रहने के लिए पुस्तक पुरस्कार अमन कुमार (सीजीपीए 7.92) को दिया गया।
एमबीए-कार्यकारी 2021-23 बैच :
- एमबीए-एग्जीक्यूटिव, 2021-23 बैच : प्रथम स्थान पाने के लिए बोर्ड आफ गवर्नर के अध्यक्ष का पदक और योग्यता प्रमाण पत्र रोहित चंद्र सिन्हा (सीजीपीए 9.03) को दिया गया। उनका नाम वर्ष 2023 के लिए संस्थान के आनर रोल में शामिल किया गया है
- दूसरे स्थान पर रहने के लिए निदेशक पदक और योग्यता प्रमाण पत्र दिप्रवा लाकड़ा (सीजीपीए 8.44) को दिया गया
- तीसरे स्थान पर रहने के लिए कार्यक्रम अध्यक्ष का पदक और योग्यता प्रमाण पत्र अदिति मुखर्जी (सीजीपीए 8.25) को दिया गया
- चौथे स्थान पर रहने के लिए पुस्तक पुरस्कार आयुष आनंद (सीजीपीए 8.23) को दिया गया
- पांचवें स्थान पर रहने के लिए पुस्तक पुरस्कार रंकेश कुमार (सीजीपीए 8.1) को दिया गया।
वहीं, प्रो. आशीष हजेला मेमोरियल अवार्ड रणनीतिक प्रबंधन पाठ्यक्रम में उच्चतम सीजीपीए हासिल करने के लिए कुणाल जोशी को दिया गया।