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कृषि, विज्ञान और समाज के सामूहिक प्रयासों से सतत एवं समृद्ध भविष्य के निर्माण पर दिया बल

  • विश्व खाद्य दिवस 2025 पर आइसीएआर-भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (ICAR-IIAB) रांची में किसान गोष्ठी एवं इनपुट वितरण कार्यक्रम का आयोजन
  • राज्य के विभिन्न जिलों से आए लगभग 1000 किसानों, महिला कृषक समूहों, युवा उद्यमियों और विज्ञानियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर इस आयोजन को सफल बनाया

रांची : भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (ICAR-IIAB) रांची ने विश्व खाद्य दिवस 2025 पर एक किसान गोष्ठी एवं अनुसूचित जनजातीय किसानों के लिए इनपुट वितरण कार्यक्रम का आयोजन संस्थान परिसर में किया। इस वर्ष विश्व खाद्य दिवस की थीम बेहतर भोजन और बेहतर भविष्य के लिए हाथ से हाथ मिलाकर थी, जो कृषि, विज्ञान और समाज के सामूहिक प्रयासों से एक सतत एवं समृद्ध भविष्य के निर्माण पर बल देती है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि शिल्पी नेहा तिर्की, मंत्री, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखंड सरकार थी। विशिष्ट अतिथि के रूप में डा. ए. सिद्दीकी, सचिव तथा गोपाल तिवारी, संयुक्त सचिव, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखंड सरकार भी उपस्थित रहे। राज्य के विभिन्न जिलों से आए लगभग 1000 किसानों, महिला कृषक समूहों, युवा उद्यमियों और विज्ञानियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर इस आयोजन को सफल बनाया।

शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान किसानों के विकास के लिए उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा विश्व खाद्य दिवस 2025 की थीम हमें यह याद दिलाती है कि जब सरकार, विज्ञानी संस्थान और किसान मिलकर काम करते हैं, तभी एक स्वस्थ, समृद्ध और आत्मनिर्भर कृषि तंत्र का निर्माण संभव होता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन किसानों के आत्मबल और ज्ञान दोनों को बढ़ाते हैं। किसानों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार हर स्तर पर उनके कल्याण, तकनीकी सहयोग और आयवृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है। गोपाल तिवारी ने कहा कृषि और जैव प्रौद्योगिकी राज्य के किसानों के लिए नए अवसरों के द्वार खोल सकता है। उन्होंने ICAR-IIAB के निदेशक डा. सुजय रक्षित और आइआइएबी की टीम के विकास कार्यों के प्रयासों की सराहना की।

Birsa Agriculture University Ranchi के कुलपति डा. एससी दुबे ने किसानों के जीवन में बदलाव लाने में विज्ञान के प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे ज्ञान अद्यतन के लिए कृषि विज्ञान केंद्रों के संपर्क में रहें और आर्थिक संकट से बचने के लिए अपनी फसलों में विविधता लाएं। दो महिला किसानों ने ICAR-IIAB के प्रयासों की सराहना की। उन्हें गुणवत्तापूर्ण बीज, टीकाकरण और खेती में विज्ञानी पद्धतियों से संबंधित ज्ञान उपलब्ध कराया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक डा. सुजय रक्षित ने की। उन्होंने कहा प्रत्येक किसान देश की खाद्य एवं पोषण सुरक्षा का प्रहरी है और ICAR-IIAB का उद्देश्य उन्हें सशक्त, शिक्षित और तकनीकी रूप से समर्थ बनाना है।

कार्यक्रम के दौरान विज्ञानियों ने कई विषयों पर चर्चा की, जिनमें रबी फसलों (दलहन एवं तिलहन) की उन्नत तकनीकें, प्राकृतिक खेती प्रकृति के साथ संतुलन का मार्ग, झारखंड में बागवानी की संभावनाएं, बत्तख एवं पाल्ट्री पालन द्वारा ग्रामीण आजीविका में सुधार, पशुपालन एवं मत्स्य पालन, राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली, किसान शिकायत निवारण पोर्टल तथा केंद्र एवं झारखंंड की प्रमुख कृषि योजनाएं शामिल थीं। अनुसूचित जनजातीय किसानों के बीच उन्नत बीज, जैव उर्वरक, पौध सामग्रियां एवं अन्य कृषि इनपुट्स का वितरण भी किया गया।
Maurya News18 Ranchi.

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