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कोई विषय समझ में न आए तो उसे शिक्षक के समक्ष रख अपनी दुविधा को करें दूर : राज्यपाल

  • राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय कांके एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय ओरमांझी का किया अवलोकन

रांची : राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय कांके एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय ओरमांझी जाकर विद्यालय में व्याप्त विभिन्न सुविधाओं का अवलोकन किया। राज्यपाल ने छात्राओं से संवाद कर जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए कहा कि कोई विषय समझ में न आए तो उसे अपने शिक्षक के समक्ष रख अपनी दुविधा को दूर करें। विद्यालयों में समय-समय पर आई कैंप लगाकर बच्चों की आंखों की जांच भी की जानी चाहिए। राज्यपाल ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय कांके में कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आप सभी लक्ष्य निर्धारित करें एवं समयबद्ध तरीके से अपनी दिनचर्या का अनुशासित भाव से पालन करें। इसके साथ-साथ कठिन मेहनत, एकाग्रता एवं उत्साह का होना भी आवश्यक है।

उन्होंने छात्राओं से कहा कि अपनी दिनचर्या के अनुसार प्रत्येक क्षेत्र में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें। पढ़ाई के समय पूरी तरह पढ़ाई पर ध्यान दें। यदि खेल रहे हैं तो सिर्फ खेल पर ध्यान दें। पढ़ाई के समय यदि कोई विषय समझ में न आए तो अन्य विषय पर ध्यान केंद्रित करें। जो विषय समझ में नहीं आया है उसे अपने शिक्षक के समक्ष रखे और अपनी दुविधा को दूर करें। दूसरे दिन अपनी कक्षा में पढ़ाई जाने वाली विषयों को पढ़ कर जाएं, इससे आपको पढ़ने में लाभप्रद होगा और आप अपने शिक्षक से प्रश्न भी कर सकेंगे। उन्होंने छात्राओं से कहा कि असफलता की चिंता नहीं करते हुए समर्पण भाव से पढ़ाई करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने दसवीं कक्षा में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के लिए अंशु मुंडा को पुरस्कृत भी किया।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों एवं शिक्षिकाओं से किया संवाद :
राज्यपाल ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय कांके के विभिन्न कक्षाओं, साइंस लैब, आइसीटी लैब, एमएचएम लैब, जिम रूम जाकर विद्यार्थियों एवं शिक्षिकाओं से संवाद किया। एक शिक्षिका के द्वारा छात्राओं की अधिक संख्या होने के कारण एक अतिरिक्त छात्रावास की आवश्यकता बताई गई। उनके द्वारा यह भी कहा गया कि शिक्षिकाओं के लिए भी पर्याप्त आवसन की सुविधा आवश्यक है। राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि इसके लिए शीघ्र निर्देशित किया जाएगा। राज्यपाल ने किचन एवं डायनिंग हाल का भी अवलोकन किया तथा छात्राओं को प्रदत्त भोजन सुविधा की जानकारी की प्राप्त की। राज्यपाल ने वहां की छात्राओं द्वारा मेडिसिनल प्लांट, उत्सर्जन तंत्र, जलचक्र, अमृत कृषि, मानव हृदय, ज्वालामुखी विषयों पर लगाई गई प्रदर्शनी देखकर उनकी प्रतिभा की सराहना की।

प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद राज्यपाल ने बाल संसद के सदस्यों से वार्ता की। संवाद के क्रम में अवगत कराया गया कि विद्यालय में विभिन्न कार्यों के लिए इसके तहत छात्राओं में से ही कुछ को मंत्री बनाया गया है। जैसे स्वच्छता मंत्री सफाई का काम देखती है, चिकित्सा मंत्री बच्चों की समय पर चिकित्सा के लिए के लिए पर्याप्त कदम उठाती है। शिक्षा मंत्री पुस्तकालय में पुस्तकों का लेन-देन एवं सूचना पट को अद्यतन रखने का कार्य करती है। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि इससे टीम भावना विकसित होती है और दायित्व का भी एहसास होता है। हम स्नेह के साथ दूसरों के साथ रहना सीखते हैं इस प्रकार हम भावी जीवन में किसी भी परिवेश में रह सकते है।

कड़ी मेहनत व समर्पण के साथ पढ़ने के लिए किया प्रेरित :
राज्यपाल ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय कांके का भ्रमण करने के बाद कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय ओरमांझी का भी भ्रमण किया। यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस विद्यालय भी अवस्थित है, वर्तमान में वहां अध्ययनरत छात्राएं साथ में ही शिक्षा ग्रहण कर रही है। वहां उन्होंने सभी कक्षा 1 से कक्षा 12 तक जाकर सभी छात्राओं से संवाद किया तथा उन्हें कड़ी मेहनत व समर्पण के साथ पढ़ने के लिए प्रेरित किया। छात्राओं के रीडिंग स्किल पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कभी-कभी बच्चों में नेत्रदोष की भी समस्या होती है और वे ठीक से देख नहीं पाते हैं, जिससे उन्हें पढ़ने में असुविधा होती है। अत: समय-समय पर आई कैंप लगाकर बच्चों की आंखों की जांच भी की जानी चाहिए। कक्षा 10 के छात्राओं से उन्होंने उनकी परीक्षा की तैयारी के संदर्भ में पृछा की। कक्षा 12 के छात्राओं से पूछा की आगे वे जीवन में क्या करना चाहते हैं।

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