- कुपोषण छोड़ पोषण की ओर-थामे क्षेत्रीय भोजन की डोर : सीडीपीओ
- आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं में गुणात्मक सुधार करते हुए पोषण को बढ़ावा देना आवश्यक
- पोषण माह के दौरान गोद भराई कार्यक्रम का हुआ आयोजन

पूर्णिया : पोषण माह के दौरान 0 से लेकर 6 वर्ष तक के बच्चों की ऊंचाई और वजन माप के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए जिले की गर्भवती महिलाओं के लिए स्थानीय रूप से उपलब्ध पौष्टिक भोजन की जानकारी को सामने लाने के लिए भोजन पकाने की विधि का आयोजन भी किया जा रहा है। राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान मंगलवार को कसबा प्रखंड के मलहरिया पंचायत के आंगनबाड़ी सेंटर 180 में गोद भराई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कसबा प्रखंड की आईसीडीएस सीडीपीओ कुमारी बसंती पासवान और महिला पर्यवेक्षिका मनीषा कुमारी द्वारा उपस्थित गर्भवती महिलाओं की गोदभराई करते हुए मां और होने वाले बच्चे के स्वस्थ और सुरक्षा के लिए आवश्यक पोषण उपयोग की जानकारी दी गई।

कुपोषण छोड़ पोषण की ओर-थामे क्षेत्रीय भोजन की डोर :
कसबा प्रखंड की आईसीडीएस सीडीपीओ कुमारी बसंती पासवान ने बताया स्थानीय स्तर पर स्थानीय पौष्टिक आहार का अधिक से अधिक सेवन किया जाए। जिसको लेकर पोषण माह में ज़िले की सभी आंगनबाड़ी सेविका, आशा एवं एएनएम के द्वारा संयुक्त रूप से समन्वय स्थापित कर विशेष अभियान संचालित होगा। साथ ही सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषक क्षेत्र के 0 से 6 साल तक के बच्चों का वजन, ऊंचाई लंबाई की माप ली जानी सुनिश्चित की जाएगी ताकि बच्चों के पोषण स्तर यथा सामान्य कुपोषित एवं अतिकुपोषित की जानकारी मिल सके।

सेवाओं में गुणात्मक सुधार करते हुए पोषण को बढ़ावा देना आवश्यक :
सीडीपीओ कुमारी बसंती पासवान ने कहा जिले के सभी प्रखंडों में पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान स्थानीय स्तर पर क्षेत्रीय पोषण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न तरह की गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं में गुणात्मक सुधार करते हुए स्थानीय पोषण को बढ़ावा देना एवं पोषण अभियान को सामुदायिक स्तर पर जन-जन तक पहुंचाने के लिए जनांदोलन चलाया जा रहा है।

पोषण माह के दौरान गोद भराई कार्यक्रम का हुआ आयोजन :
गोदभराई कार्यक्रम के दौरान कसबा प्रखंड के मलहरिया पंचायत की महिमा पर्यवेक्षिका मनीषा कुमारी ने बताया सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर संबंधित सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिकाओं की देखरेख में पोषण माह के दौरान गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण काल के दौरान अपने-क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता, एएनएम व महिला चिकित्सकों के संपर्क में रहने के लिए आवश्यकतानुसार सलाह दी जा रही है। क्योंकि गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान गर्भवती महिलाओं के शरीर में बहुत अधिक बदलाव होते रहता है। गर्भावस्था के दौरान आहार में विविधता की आवश्यकता होती है इसलिए अपने आहारों में ऐसे पदार्थों का इस्तेमाल करना चाहिए, जिसमें प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट एवं वसा की अत्यधिक मात्रा उपलब्ध हो।
Maurya News18 Purnea.