- बीआइटी मेसरा के 35वें दीक्षा समारोह ने इसरो चीफ की उपस्थिति में भावी लीडर्स को किया प्रेरित
- 35वें दीक्षा समारोह (35th Convocation) में 1400 प्रतिभाशाली छात्रों को दी गई डिग्री
- 35वें दीक्षा समारोह में 1000 अंडरग्रेजुएट्स, 320 पोस्ट ग्रेजुएट्स और 75 पीएच स्कालर्स, 65 डिप्लोमा होल्डर्स को दी गई डिग्री

रांची : बीआइटी मेसरा (BIT Mesra Convocation) ने जोश और उत्साह के बीच अपने 35वें दीक्षा समारोह का आयोजन किया। जहां 1400 प्रतिभाशाली छात्रों को डिग्री दी गई। इसरो के चेयरमैन डा. वी. नारायणन इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने छात्रों को वैज्ञानिक उत्सुकता, निरंतर लर्निंग एवं देश के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। सभा को संबोधित करते डा. वी. नारायणन ने कहा आप अपनी पेशेवर यात्रा की शुरूआत करने जा रहे हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सहानुभूति, आपसी सहयोग एवं प्रयोजन के सिद्धांतों को याद रखें, ये सिद्धांत जीवन में सफलता पाने के लिए आवश्यक हैं। आपने इस प्रतिष्ठित संस्थान में जो ज्ञान एवं मूल्य हासिल किए हैं, उनका सदुपयोग कर जीवन में बदलाव लाएं और दुनिया की मुश्किल चुनौतियों को हल करने का प्रयास करें। आप सभी को बधाई, अनंत अवसरों से युक्त उज्जवल भविष्य आपके सामने है। समारोह की शुरुआत दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। जिसके बाद संस्थान की प्रार्थना हुई। समारोह के दौरान संस्थान की अकादमिक उत्कृष्टता एवं विरासत का जश्न मनाया गया।

वहीं, बीआइटी मेसरा के चांसलर और चेयरमैन बिरला ग्रुप सीके बिरला ने कहा दीक्षा समारोह (35th Convocation) एक अकादमिक यात्रा का समापन नहीं बल्कि आजीवन उत्सुकता एवं इनोवेशन की शुरूआत है। आज दुनिया को ऐसे लीडरों की आवश्यकता है जो स्पष्टता के साथ सोच सकें, अखंडता के साथ काम कर सकें और प्रयोजन के साथ निर्माण कर सकें। मुझे विश्वास है कि बीआइटी मेसरा के छात्र इस बदलाव में अग्रणी रहेंगे, अपने ज्ञान एवं कल्पनाशीलता का उपयोग कर प्रगतिशील एवं समावेशी भविष्य को आकार देंगे।

BIT Mesra के कुलपति ने पेश की सालाना रिपोर्ट :
संस्थान के कुलपति और प्रोफेसर इंद्रानील मन्ना ने सालाना गतिविधि रिपोर्ट पेश की तथा अनुसंधान, इनोवेशन एवं विश्वस्तरीय साझेदारियों में बीआइटी मेसरा की प्रमुख उपलब्धियों पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि संस्थान नए बेंचमार्क स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है और उद्योग जगत के लीडरों एवं भविष्य के लिए तैयार पेशेवरों का निर्माण कर रहा है। बीआइटी मेसरा में हमारा मानना है कि शिक्षा सिर्फ ज्ञान प्राप्त करने तक ही सीमित नहीं है बल्कि अखंडता एवं दृढ़ विश्वास के साथ नेतृत्व करने के बारे में है। हमारे ग्रेजुएट्स पेशेवर दुनिया में कदम रख रहे हैं, मुझे विश्वास है कि वे समुदायों और उद्योगों में सकारात्मक बदलाव लेकर आएंगे। मैं एक बार फिर से सभी ग्रेजुएट्स को उनकी कड़ी मेहनत तथा उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्धता के लिए बधाई देता हूं। बता दें कि बीआइटी मेसरा के 35वें दीक्षा समारोह में 1000 अंडरग्रेजुएट्स, 320 पोस्ट ग्रेजुएट्स और 75 पीएच स्कालर्स, 65 डिप्लोमा होल्डर्स को डिग्री दी गई। इसके अलावा सर्वोच्च प्रदर्शन करने वाले छात्रों को गोल्ड मेडल से भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन गणमान्यों के सम्मान के साथ हुआ, समारोह संचालक ने फैकल्टी, स्टाफ एवं कान्वोकेशन कमेटी को धन्यवाद दिया। बीआइटी मेसरा का 35वां दीक्षा समारोह ऐसे जिम्मेदार नागरिकों के निर्माण की संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो चुनौतियों को व्यवहारिक अवसरों में बदल सकें और सहानुभूति के साथ नेतृत्व कर सकें।

BIT Mesra के इन संस्थानों के इतने विद्यार्थियों को मिली डिग्री :
बीआइटी मेसरा : पीएचडी 85, पीजी 555, यूजी 1184, डिप्लोमा 125, कुल 1949
बीआइटी पटना : पीएचडी 2, पीजी 20, यूजी 209, डिप्लोमा 0, कुल 231
बीआइटी देवघर : पीएचडी 1, पीजी 0, यूजी 97, डिप्लोमा 0, कुल 98
बीआइटी नोएडा : पीएचडी 3, पीजी 59, यूजी 79, डिप्लोमा 0, कुल 141
बीआइटी जयपुर : पीएचडी 0, पीजी 23, यूजी 147, डिप्लोमा 0, कुल 170

इन्हें मिला Gold Medal :
- बैचलर आफ आर्किटेक्चर : स्वर्णिम किरण
- बैचलर आफ टेक्नोलाजी बायोटेक्नोलाजी : चिन्मय अजीत पाटाडे
- बैचलर आफ टेक्नोलाजी केमिकल इंजीनियरिंग : सौवानिक घोष
- बैचलर आफ टेक्नोलाजी सिविल इंजीनियरिंग : ध्रुव चौधरी
- बैचलर आफ टेक्नोलाजी कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग : कुणाल हीरावत
- बैचलर आफ टेक्नोलाजी इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग : सौरव कुमार
- बैचलर आफ टेक्नोलाजी इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग : मो. जमशेद
- बैचलर आफ टेक्नोलाजी इंफार्मेशन टेक्नोलाजी इंजीनियरिंग : आदर्श रंजन
- बैचलर आफ टेक्नोलाजी मैकेनिकल इंजीनियरिंग : बिपुल कुमार आर्यन
- बैचलर आफ टेक्नोलाजी प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग : प्रज्ञान शर्मा
- बैचलर आफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलाजी : राेहित मुंडा
- बैचलर आफ फार्मेसी : आयुष अनंत
- बैचलर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन : निहाल वर्मा
- बैचलर आफ कंप्यूटर एक्लीकेशन : राधिका दीवान
- बैचलर आफ साइंस एनिमेशन एंड मल्टीमीडिया : अदिति प्रसाद
- बैचलर आफ साइंस मेडिकल लैब टेक्नोलाजी : संगम कुमार पांडेय
गोल्ड मेडलिस्टों ने कहा, स्टार्ट-अप को मिल रही गति :

बैचलर आफ आर्किटेक्चर की पढ़ाई पूरी करने के बाद अब मास्टर्स की पढ़ाई जारी है। आर्किटेक्चर के क्षेत्र में करियर की असीम संभावनाएं हैं और इस क्षेत्र में भी नवाचार पर कार्य कर रही हूं।
: स्वर्णिम किरण, गोल्ड मेडलिस्ट।
केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कार्य करने वाली कंपनी रिलायंस केमिकल के साथ कार्य कर रहा हूं। भविष्य प्लास्टिक के बेहतर विकल्प की दिशा में कार्य करने की इच्छा है।
: सौवानिक घोष, गोल्ड मेडलिस्ट।
सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आज नए नए शोध कार्यों की आवश्यकता है। विशेषकर गल्फ कंट्री में जो निर्माण हो रहे हैं उसमें सिविल इंजीनियरिंग की उत्कृष्ट विधाएं सामने आ रही हैं। इस क्षेत्र में कार्य कर रहा हूं।
: ध्रुव चौधरी, गोल्ड मेडलिस्ट।
वर्तमान में ग्रिड डायनामिक्स हैदराबाद में कार्यरत हूं और एआइ मशीन लर्निंग के क्षेत्र में शोध कार्य करने की इच्छा है। विशेषकर वीडियो जेनरेशन यूजिंग लार्ज माडल्स पर कार्य कर रहा हूं।
: कुणाल हीरावत, गोल्ड मेडलिस्ट।
इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में गोल्ड मेडल मिला है। अब पूरी शिद्दत से मास्टर्स की डिग्री प्राप्त कर इसी क्षेत्र में करियर बनाने की योजना है और स्टार्ट-अप से नई पहचान बनाऊंगा।
: सौरव कुमार, गोल्ड मेडलिस्ट।
इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल मिला है। इतने बड़े मंच पर गुरुजनों से आशीर्वाद और डिग्री मिलना गर्वित होने वाला क्षण है। इसी क्षेत्र में स्टार्ट-अप की शुरुआत कर आगे की पढ़ाई करूंगा।
: मो. जमशेद, गोल्ड मेडलिस्ट।
इंफार्मेशन एंड कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में जबसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का हस्तक्षेप बढ़ा है तब से चुनौती के साथ साथ करियर की संभावनाएं भी बढ़ी हैं। इसी क्षेत्र में स्टार्ट-अप की शुरुआत कर करियर को ऊंचाई दूंगा।
: आदर्श रंजन, गोल्ड मेडलिस्ट।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी कई चुनौतियां हैं। विशेषकर जर्मनी, अमेरिका और फ्रांस की कंपनियां लगातार नए शोध कार्य कर रही हैं। ऐसे में स्वदेशी कंपनी को बढ़ावा देकर नया करूंगा।
: बिपुल कुमार आर्यन, गोल्ड मेडलिस्ट।
झारखंड के अधिकांश जिलों में इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट का कार्य गति पर है। अन्य राज्यों में इसे गति देने की आवश्यकता है। वर्तमान में टाटा स्टील में कार्यरत हूं और इसी क्षेत्र में करियर बनाने की योजना है।
: प्रज्ञान शर्मा, गोल्ड मेडलिस्ट।
झारखंड समेत पूरे देश में होटल मैनेजमेंट के क्षेत्र में करियर बनाने की समुचित व्यवस्था नहीं है। सैलरी पैकेज भी अन्य देशों के मुकाबले कम है।इसी क्षेत्र में नए शोध के साथ आगे बढूंगा।
: राेहित मुंडा, गोल्ड मेडलिस्ट।
फार्मेसी के क्षेत्र में कार्य कर रहा हूं। गुरुजनों के हाथों गोल्ड मेडल मिलना सौभाग्य की बात है। इस गरिमा को आगे भी बनाए रखूंगा। साथ ही नए शोध कार्य के साथ आगे बढ़ने की योजना है।
: आयुष अनंत, गोल्ड मेडलिस्ट।
आप किसी भी क्षेत्र में चले जाएं बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की आवश्यकता हमेशा बनी रहती है। इसी क्षेत्र में मास्टर्स करने के बाद आगे का सफर तय करूंगा।
: निहाल वर्मा, गोल्ड मेडलिस्ट।
वर्तमान में हमारे देश में एनिमेशन एंड मल्टीमीडिया के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं बढ़ी हैं। विशेषकर एआइ के इस्तेमाल के बाद इस क्षेत्र में कई नए कार्य किए जा रहे हैं। नेशनल इंडस्ट्री आफ डिजाइन अहमदाबाद से मास्टर्स करने की योजना है।
: अदिति प्रसाद, गोल्ड मेडलिस्ट।
लैब टेक्निशियन का रोल कोविड के बाद से बढ़ने लगा है। हजारीबाग में अपना स्टार्ट-अप शुरू कर इस दिशा में बेहतर करने का प्रयास कर रहा हूं। यह सफर आगे भी जारी रहेगा ताकि समाज के हर तबके को स्वास्थ्य संबंधी सही जानकारी मिल सके।
: संगम कुमार पांडेय, गोल्ड मेडलिस्ट।
Maurya News18 Ranchi.

