– कालाजार उन्मुखीकरण अभियान : राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ एकदिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन
– जिला को कालाजार मुक्त करने के लिए जिला अधिकारियों को दी गई आवश्यक जानकारी
– केंद्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा किया जाएगा पूर्णिया के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण
पूर्णिया : जिले में कालाजार ग्रसित मरीजों की संख्या में लगातार कमी पाई जा रही है। ऐसे में पूर्णिया को कालाजार मुक्त जिला साबित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और सहयोगी संस्थाओं द्वारा जिले में कालाजार ग्रसित मरीजों की पहचान और पूर्व में कालाजार ग्रसित लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त करते हुए क्षेत्र में कालाजार मुक्त लोगों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (GMCH) के RTPCR भवन में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यशाला में जिले के सभी प्रखंड स्वस्थ्य अधिकारियों को पूर्व में कालाजार से सुरक्षित लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त करते हुए वर्तमान में उपस्थित ग्रसित मरीजों को चिकित्सकीय सहायता प्रदान करते हुए स्वास्थ्य और सुरक्षित करने की जानकारी दी गई। राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों में आनंद कुमार, आरिफ अंसारी, बसब रूज, रणविजय कुमार के उपस्थित में जिला स्वास्थ्य विभाग से जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आरपी मंडल, वीबीडीएस रवि नंदन सिंह, वीडीसीओ सोनिया मंडल, सीफार राज्य अधिकारी डॉ श्याम, जिला समन्यवक खुशबू, जिला समन्यवक अमन कुमार, पिरामल स्वास्थ्य से वाष्फ और स्वास्थ्य विभाग एवं सभी सहयोगी संस्थाओं और प्रखंड अधिकारियों की उपस्थित में एकदिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन GMCH Purnea में आयोजित किया गया। इस दौरान अधिकारियों द्वारा सभी पूर्व कालाजार ग्रसित मरीजों के कालाजार मुक्त होने की जानकारी सुरक्षित रखते हुए क्षेत्र में अन्य कालाजार ग्रसित मरीजों की पहचान कर स्वास्थ्य और सुरक्षित करने की जानकारी दी गई।

देश को वर्ष 2027 तक कालाजार मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आरपी मंडल ने कहा स्वास्थ्य विभाग द्वारा देश को वर्ष 2027 तक कालाजार मुक्त घोषित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग शत प्रतिशत प्रयासरत है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लक्षण दिखाई देने पर ग्रसित कालाजार मरीजों को आवश्यक चिकित्सकीय सहायता प्रदान करते हुए संबंधित क्षेत्र के अन्य लोगों को भी कालाजार से सुरक्षित रखने के लिए लगातार कार्यक्रम और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इससे जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कालाजार ग्रसित मरीजों की संख्या में कमी पाई जा रही है। जिला को कालाजार मुक्त जिला सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए सम्बंधित क्षेत्र में कालाजार मुक्त लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी ली जाएगी। पूर्व में कालाजार मुक्त लोगों के स्वस्थ होने की जानकारी प्राप्त करते हुए संबंधित क्षेत्र में अन्य लोगों के कालाजार सुरक्षित होने पर जिले को कालाजार मुक्त घोषित किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्व में कालाजार ग्रसित मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त करते हुए संबंधित क्षेत्र में अन्य लोगों के कालाजार मुक्त होने की जानकारी प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा प्राप्त किया जा रहा है। इससे क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में कालाजार से सुरक्षित लोगों की जानकारी प्राप्त करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले को कालाजार मुक्त घोषित किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले को कालाजार मुक्त घोषित करने के बाद देश के अन्य क्षेत्रों में कालाजार उन्मूलन के लिए ऐसे स्वास्थ्य सहायता प्रदान करते हुए देश को कालाजार मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रेरित किया जाएगा ताकि पूरा देश कालाजार उन्मूलन होते हुए स्वस्थ्य और सुरक्षित रह सके।

कालाजार मुक्त जिला घोषित होने पर जिला को मिलेगा डोजियर प्रमाणपत्र :
डॉ आरपी मंडल ने बताया कालाजार मुक्त जिला घोषित करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में वर्ष 2018 से कालाजार ग्रसित होने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक जांच और चिकित्सकीय सहायता प्राप्त करते हुए स्वस्थ्य होने की जानकारी ली जाएगी। इस दौरान ग्रसित लोगों द्वारा स्वास्थ्य विभाग से मिलने वाले चिकित्सकीय सहायता के साथ साथ आवश्यक वित्तीय सहायता की जानकारी ली जाएगी। आवश्यक जांच और सहायता मिलने के साथ साथ क्षेत्र में कालाजार ग्रसित मरीजों की संख्या में होने वाली कमी साबित होने पर केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्णिया जिला को केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा डोजियर प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। इसके साथ साथ देश के अन्य क्षेत्रों में कालाजार उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा संबंधित स्वास्थ्य सहायता प्रदान करते हुए देश को कालाजार मुक्त बनाया जाएगा।

वर्ष 2024 में भी जिले में पाए गए थे कालाजार ग्रसित बहुत कम मरीज :
डॉ आरपी मंडल ने बताया बहुत दिनों से लगातार बुखार होने पर सम्बंधित मरीज को कालाजार ग्रसित (VL) माना जाता है। ग्रसित होने के दौरान आवश्यक उपचार कराते हुए स्वस्थ होने के कुछ समय बाद कालाजार स्वास्थ्य लोगों के शरीर के चमड़ों में दाग या चिकत्ता होने पर ऐसे लोगों को पीकेडीएल कालाजार ग्रसित माना जाता है। ऐसे लोगों की पहचान करते हुए आवश्यक जांच और उपचार कराने पर संबंधित व्यक्ति बहुत जल्द स्वस्थ्य और सुरक्षित हो जाता है। वर्ष 2024 में पूर्णिया जिले में सिर्फ 20 कालाजार ग्रसित मरीज पाए गए थे जिन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक चिकित्सकीय सहायता प्रदान करते हुए स्वस्थ्य और सुरक्षित किया गया है। इसके बाद जिले के विभिन्न कक्षेत्रों में कालाजार ग्रसित मरीजों की संख्या में बहुत कमी पाई गई है जिससे जिला कालाजार मुक्त घोषित किया जा सकता है।

कालाजार संक्रमित मरीजों को उपलब्ध कराई जाती है सहायता राशि :
डॉ आरपी मंडल ने कहा लक्षण दिखाई देने पर संबंधित मरीजों द्वारा नजदीकी अस्पताल से जांच और उपचार सुविधा का लाभ उठाने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा संबंधित मरीजों को आवश्यक सहयोग राशि उपलब्ध कराई जाती है। अस्पताल से उपचार कराने पर भीएल मरीजों को श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में मुख्यमंत्री सहायता कोष से 6600 रुपये और भारत सरकार की ओर से 500 रुपये की सहयोग राशि सीधे मरीजों के बैंक खाते में उपलब्ध कराई जाती है। एक बार कालाजार का उपचार के बाद भी संबंधित मरीज के शरीर के चमड़ों में दाग या चिकत्ता होने पर संबंधित मरीजों कालाजार के पीकेडीएल की श्रेणी में रखा जाता है। इससे ग्रसित मरीजों को भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। PKDL ग्रसित मरीजों को भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में भारत सरकार की ओर से 4000 रुपए की सहयोग राशि उपलब्ध कराई जाती है। इससे मरीजों को आर्थिक सहयोग उपलब्ध होता है और संबंधित क्षेत्र कालाजार उन्मूलन और सुरक्षित होते हैं।
Maurya News18 Purnea.

