पदचिह्न देते हैं इतिहास की गवाही
छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। बिहार में छठ पूजा का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता सीता ने सबसे पहले छठ पूजन मुंगेर में गंगा तट पर की थी, उसी के बाद इस महापर्व की शुरुआत हुई। जिस जगह मां सीता ने छठ पूजा की, वहां पर आज भी उनके चरण मौजूद हैं।
छठ को बिहार का महापर्व माना जाता है। यह पर्व बिहार के साथ देश के अन्य राज्यों में भी बड़े धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। मुंगेर में छठ पर्व का विशेष महत्व है। छठ पूजा से जुड़ी कई कथाए हैं लेकिन धार्मिक मान्यता के अनुसार, माता सीता ने सर्वप्रथम पहला छठ पूजन मुंगेर में संपन्न किया था। इसके बाद से सभी जगह महापर्व चलन में आया। इसके प्रमाण-स्वरूप आज भी माता सीता के पदचिह्न यहां मौजूद हैं।
बिहार पर्यटन विभाग के मुताबिक सीता चरण कष्टहरनी घाट के बहुत करीब है। यह किले से करीब दो मील की दूरी पर नदी के बिस्तर में एक चट्टान है। पत्थर में दो चरणों का निशान हैं, जिसे सीता मां का चरण माना जाता है। यह पत्थर 250 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा है उस जगह पर एक छोटा मंदिर भी है।