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XISS : पीजीसीएम जियो-स्पेशियल टेक्नोलाजी एप्लीकेशन इन रूरल डेवलपमेंट का कोर्स शुरु

  • कोर्स में आर्कजीआइएस, एरडास, ईएनवीआइ, आइ-जीआइएस, क्यू-जीआइएस आदि साफ्टवेयर के साथ-साथ जीपीएस, डीजीपीएस और ईटीएस हार्डवेयर की ट्रेनिंग भी दी जाएगी

रांची : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स (Smart City Projects) में दिलचस्पी रखने वाले छात्र छात्राओं के लिए खुशखबरी है। उनके लिए एक्सआइएसएस रांची (XISS Ranchi) ने पीजीसीएम जियो-स्पेशियल टेक्नोलाजी एप्लीकेशन इन रूरल डेवलपमेंट कोर्स की शुरुआत की है। कोर्स पूरा करने के बाद एक्सआइएसएस के छात्र छात्राओं को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, ग्रामीण विकास, वन विभाग, राजस्व विभाग, कृषि विभाग, खनन, शहरी विकास, पेयजल विभाग, सर्वे आफ इंडिया प्रोजेक्ट्स के साथ-साथ कई निजी क्षेत्र और अन्य गैर सरकारी संगठन में भी नौकरी के अवसर मिलेंगे। ऐसे क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए जेवियर समाज सेवा संस्थान रांची पीजीसीएम जियो-स्पेशियल टेक्नोलाजी एप्लीकेशन इन रूरल डेवलपमेंट के 2023-24 बैच लिए कोर्स की शुरुआत की है।

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) द्वारा अनुमोदित इस कोर्स के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। इस कोर्स में आर्कजीआइएस, एरडास, ईएनवीआइ, आइ-जीआइएस, क्यू-जीआइएस आदि साफ्टवेयर के साथ साथ जीपीएस, डीजीपीएस और ईटीएस हार्डवेयर की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। कोर्स में छात्रों को अध्ययन सामग्री के साथ कक्षा में एक अलग कंप्यूटर उपलब्ध कराया जाएगा। एक्सआइएसएस में सहायक प्रोफेसर डा. प्रकाश चंद्र दास ने इस कोर्स के विषय में कहा कि पीजीसीएम जियो-स्पेशियल टेक्नोलाजी एप्लीकेशन इन रूरल डेवलपमेंट कोर्स की डिमांड कई सरकारी और निजी एजेंसियों में है। जो छात्रों और प्रोफेशनल्स को बेहद आकर्षित कर रही है। इससे पूर्व संस्थान में 6 महीने की अवधि का एक समान कार्यक्रम भी चलाया गया था जो औसतन 85-95 प्रतिशत प्लेसमेंट के साथ काफी सफल रहा था। वर्तमान के इस एक वर्षीय कार्यक्रम की उपयोगिता अधिक व्यापक एवं बेहतर होगी। इस कोर्स में 30-30 सीटों के दो बैच होंगे।

कोर्स के पाठ्यक्रम के तहत छात्रों को जीआइएस और रिमोट सेंसिंग और प्रबंधन की अवधारणा और व्यावहारिक उपयोग दोनों के बारे में सिखाया जाएगा। जिसे छात्र ग्रामीण विकास, मौसम पूर्वानुमान, भूमि सूचना प्रबंधन प्रणाली, वाटरशेड प्रबंधन परियोजनाओं, शहरी नियोजन आदि के क्षेत्रों में लागू कर सकते हैं।
: डा. जोसफ मारियानुस कुजुर एसजे, निदेशक, एक्सआइएसएस रांची।

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