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केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं स्वतंत्र फेडरेशनों का संयुक्त मंच झारखंड की हड़ताल 9 जुलाई को…

  • हड़ताल के समर्थन में मशाल जुलूस, श्रमिकों और जनसंगठनों का होगा जुटान

रांची : देशभर में मेहनतकशों की 17 सूत्रीय मांगों और चार श्रम संहिताओं की वापसी की मांग को ले 9 जुलाई को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल (Strike) होगी। इससे पूर्व मंगलवार को रांची में मशाल जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की गई। यह जुलूस कचहरी चौक और सैनिक बाजार से शुरू होकर अल्बर्ट एक्का चौक तक पहुंचा। जुलूस में एटक, सीटू, ऐक्टू, इंटक, बेफी समेत सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, किसान संगठनों, छात्र-युवा संगठनों और विभिन्न जनसंगठनों के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। मशाल जुलूस के माध्यम से ट्रेड यूनियनों ने संदेश दिया कि 9 जुलाई की देशव्यापी हड़ताल झारखंड में ऐतिहासिक होगी। हड़ताल सिर्फ श्रमिकों की मांगों तक सीमित नहीं है बल्कि देश के उद्योग और व्यापार जगत से जुड़े छोटे उद्यमियों, व्यापारियों, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के लाखों लोगों के अस्तित्व से जुड़ी है, जिन्हें केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों ने गंभीर संकट में डाल दिया है। झारखंड के ट्रेड यूनियनों ने मैन्युफैक्चरिंग और ट्रेड सेक्टर के संगठनों, चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज़ से अपील की है कि वे हड़ताल को समर्थन देते हुए कम-से-कम 3 घंटे अपना व्यापार बंद रखें और राष्ट्रीय विरोध कार्यक्रम में शामिल हों। मंगलवार को मशाल जुलूस का नेतृत्व अशोक यादव, शुभेंदु सेन, अनिर्बान बोस, प्रतीक मिश्रा, संजीव सिन्हा, एमएल सिंह, सुखनाथ लोहरा, प्रकाश उरांव, वाल्मीकि पांडेय, शशिकांत भारती, जसीम अख्तर, सुशील पांडेय, बीरेंद्र कुमार, कीर्ति मुंडा, सीमा केरकेट्टा, प्रफुल लिंडा, प्रकाश टोप्पो, भीम साव, गोपाल शरण सिंह, सुदामा खलखो, आरएन सिंह, मो. नसीम, त्रिलोकी नाथ, विजय कुमार, एनामुल अंसारी आदि ने किया।

इन मांगों के समर्थन में होगी हड़ताल :
ट्रेड यूनियनों की 17 सूत्रीय मांगों में रिटेल सेक्टर में शत प्रतिशत एफडीआइ को वापस लेना, आनलाइन व्यापार पर नियंत्रण, छोटे व्यापारियों और पारंपरिक सेवा प्रदाताओं को संरक्षण, और जीएसटी प्रणाली में सुधार आदि शामिल है।

इन प्रतिष्ठानों पर पड़ेगा असर :
हड़ताल के दिन झारखंड के कोयला, स्टील, कापर, बाक्साइट, माइका, लौह अयस्क और पत्थर उद्योगों में खनन, उत्पादन और परिवहन पूरी तरह ठप रहेगा। बैंकिंग और बीमा जैसे वित्तीय क्षेत्रों में पूर्ण हड़ताल रहेगी। बीड़ी, निर्माण, ट्रांसपोर्ट और अन्य असंगठित क्षेत्रों के लाखों श्रमिक भी हड़ताल में भाग लेंगे। सभी परियोजना कर्मियों, केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों ने भी हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है। रेलवे के दो प्रमुख फेडरेशनों ने हड़ताल को समर्थन दिया है।
Maurya News18 Ranchi.

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