होमखबरगर्भवती माताओं के लिए आहार में विविधता आवश्यक, जाने किसने क्या कहा…

Latest Posts

गर्भवती माताओं के लिए आहार में विविधता आवश्यक, जाने किसने क्या कहा…

  • आंगनबाड़ी केंद्रों पर हुई गोदभराई का हुआ आयोजन
  • गोदभराई का मुख्य उद्देश्य गर्भावस्था में बेहतर पोषण के प्रति गर्भवतियों को अवगत कराना है : DPO
  • गर्भावस्था के आखिरी दिनों में पोषण का विशेष ख्याल रखने के लिए किया गया जागरूक : जिला समन्यवक

कटिहार : गर्भवती महिलाओं के बेहतर पोषण पर समेकित बाल विकास परियोजना विभाग द्वारा विशेष ध्यान दिया जाता है। इसके लिए प्रत्येक माह की 7 तारीख (अवकाश स्थिति में अगले निर्धारित तिथि) को आंगनबाड़ी केंद्रों पर सात से नौ महीने की गर्भवती महिलाओं की गोद भराई कराई जाती है। 8 सितंबर को जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर गोद भराई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त करते हुए गर्भवती महिलाओं और होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य की जानकारी ली गई। इस दौरान आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा सभी गर्भवती महिलाओं को पोषक आहार वितरण करते हुए गर्भावस्था के दौरान बेहतर पोषण उपयोग करने की जानकारी दी गई।

गर्भवती महिलाओं को दिए गए पोषक आहार :
आईसीडीएस जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (DPO) नीलम कुमारी ने कहा कि शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं को लाल चुनरी ओढा कर एवं माथे पर लाल टीका लगा कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को विभिन्न व्यंजनों में शामिल सतरंगी फल, हरी सब्जियां एवं अन्य पोषक आहार दिए गए। साथ ही गर्भावस्था के दौरान पोषक आहार सेवन के विषय में गर्भवतियों को भी जागरूक किया गया और गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में विविधता लाने की सलाह दी गई। आहार में दाल, बीन, दूध एवं दूध से निर्मित खाद्य पदार्थ, हरी साग-सब्जी, पीले फल, मीट एवं मछली शामिल करने की बात बताई गई। नियमित रूप से 4 प्रसव पूर्व जांच, मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड में वजन का पंजीकरण के साथ नियमित रूप से प्रतिदिन आयरन की एक गोली एवं कैल्शियम की दो गोली खाने की सलाह दी गई।

गोदभराई का उद्देश्य बेहतर पोषण के प्रति गर्भवतियों को अवगत कराना है :
डीपीओ (DPO) नीलम कुमारी ने बताया कि गोदभराई का मुख्य उद्देश्य गर्भावस्था के आखिरी दिनों में बेहतर पोषण की जरूरत के विषय में गर्भवतियों को अवगत कराना है। गर्भावस्था के आखिरी दिनों में अधिक पोषण की जरूरत होती है। माता एवं गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य एवं प्रसव के दौरान होने वाली संभावित जटिलताओं में कमी लाने लाने के लिए गर्भवती के साथ परिवार के लोगों को भी अच्छे पोषण पर ध्यान देना चाहिए। बेहतर पोषण एक स्वस्थ बच्चे के जन्म में सहायक होने के साथ गर्भवती महिलाओं में मातृ मृत्यु दर में कमी भी लाता है।

गर्भावस्था में पोषण का विशेष ख्याल रखने के लिए किया गया जागरूक :
जिला समन्यवक अनमोल गुप्ता ने कहा कि गर्भ के आखिरी महीनों में शरीर को अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इस दौरान आहार में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट के साथ वसा की भी मात्रा होना जरुरी होता है। इसके लिए समेकित बाल विकास योजना के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं को साप्ताहिक पुष्टाहार भी वितरित किया जाता है। इसके साथ महिलाएं अपने घर में आसानी से उपलब्ध भोज्य पदार्थों के सेवन कर अपने पोषण का ख्याल आसानी से रखने की जानकारी दी जाती है। इससे गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला और होने वाला शिशु स्वस्थ्य और सुरक्षित रहता है। महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण का विशेष ध्यान रखने के लिए आईसीडीएस (ICDS) द्वारा साल में एक बार पोषण माह का आयोजन किया जाता है जिस दौरान क्षेत्र के लोगों को मां और बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषण का उपयोग करते हुए स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने की जानकारी दी जाती है।
Maurya News18 Katihar.

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss