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जनजातीय प्रशिक्षण वर्ग में पहुंचकर वास्तविक भारत का किया दर्शन : राज्यपाल

  • पिछले 75 वर्षों से विद्या भारती शिक्षा के क्षेत्र में कर रही है कार्य : अध्यक्ष

रांची : जिले के नगड़ी प्रखंड अंतर्गत कुदलुम स्थित आचार्य प्रशिक्षण विद्यालय श्रीकृष्ण चंद्र गांधी शैक्षणिक नगर में बुधवार को विद्या भारती झारखंड द्वारा पांच दिवसीय जनजातीय कार्यशाला का समापन समारोह आयोजित किया गया। मौके पर जनजातीय कार्यशाला के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रदेश के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि वास्तविक भारत को हम यहां देख रहे हैं। जनजातीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में आकर प्रसन्नता हो रही है। यहां भारतीय संस्कृति एवं मूल्य परक शिक्षा ग्रामीण एवं सुदूरवर्ती क्षेत्र में प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण वर्ग में महिलाओं की संख्या अधिक है। यह एक अच्छा संदेश है। हम अपने देश को नारी शक्ति के सहारे सही दिशा दे सकते हैं। जनजातीय क्षेत्रों में आज बहुत ही सक्रियता से कार्य करने की आवश्यकता है। ऐसे प्रशिक्षण वर्ग समाज पर दूरगामी प्रभाव छोड़ते हैं। विद्या भारती ऐसे कार्य को कर रही है, वास्तव में आत्मनिर्भर भारत को बनाने की दिशा में कार्यरत है।

आचार्यों की कार्यशाला 17 से 21 मई तक आचार्य प्रशिक्षण विद्यालय कुदलुम, नगड़ी में आयोजित :

संस्कार केंद्र के आचार्यों की कार्यशाला 17 से 21 मई तक आचार्य प्रशिक्षण विद्यालय कुदलुम, नगड़ी में आयोजित किया गया। इसमें झारखंड प्रांत के 387 संस्कार केंद्रों के आचार्यो ने सहभागिता की। प्रशिक्षण में आचार्यों को बताया गया कि कैसे छोटे-छोटे भैया बहनों को अंकज्ञान और अक्षरज्ञान दिया जाए तथा खेल-खेल में पाठ को रोचक कैसे बनाया जाए। जिससे बच्चे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पाठ्‌यक्रम के आधार पर ज्ञान अर्जित कर सके। इस प्रशिक्षण वर्ग में करीब 400 नवीन एवं पुराने आचार्यों ने हिस्सा लिया। शारीरिक, प्राणिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा का प्रारंभिक ज्ञान हम बच्चों में कैसे डाल सकते हैं यह बताया गया। बच्चों को बिना डर एवं भय तथा बस्ता के बोझ से हम मुक्त कैसे कर सकते हैं यह बताया गया। विद्या भारती की वाटिका की कल्पना, जहां भैया बहन उन्मुक्त वातावरण में ज्ञान अर्जित करते हैं यह विधा भी बताई गई। कहा कि हमारे जनजातीय बंधु भगिनी सुदूर ग्रामीण एवं वनोच्छादित क्षेत्रों में केंद्र चलाते हैं। जो भारतीय चिंतन, भारतीय संस्कृति व जीवन आदर्श पर आधारित शिक्षा प्रदान करते हैं। विद्या विकास समिति झारखंड अंतर्गत सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के नाम से शहरों में, ग्रामों में, जनजातीय क्षेत्रों में छोटे-बड़े 213 औपचारिक विद्यालय संचालित हैं। योजनानुसार जनजातीय क्षेत्रों में कार्य को गति प्रदान करने वाले हमारे 387 जनजातीय आचार्यों का प्रशिक्षण वर्ग 17 से 21 मई तक आयोजित किया। इस वर्ग में 24 जिले के 264 प्रखंड से सरस्वती शिक्षा केंद्र के आचार्य शामिल हुए। जनजातीय शिक्षा के क्षेत्र प्रमुख के साथ-साथ 26 प्रवासी कार्यकर्ता उपस्थित हुए। विद्या भारती का लक्ष्य है कि कोई भी मूल्यपरक शिक्षा से वंचित न रहे इसी भाव को लेकर शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत है। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्या विकास समिति झारखंड के अध्यक्ष रामअवतार नारसरिया ने की। उन्होंने कहा कि आज विद्या भारती किसी परिचय का मोहताज नहीं है। पिछले 75 वर्षों से विद्या भारती शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रही है। जनजातीय शिक्षा को चुनौतीपूर्ण शिक्षा मानते हुए विद्या भारती इस दिशा में कार्य करने को तत्पर है और शिक्षा प्रदान कर रही है। मंच पर देवव्रत पहन, राम अवतार नारसरिया, ब्रजेश कुमार, डा. पूजा, सुखी उरांव, सुहाष देशपांडे, विष्णु कुमार जालान, नकुल कुमार शर्मा, रंथु उरांव उपस्थित रहे।
Maurya News18 Ranchi.

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