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प्रोन्नति में हो रहे विलंब से शिक्षकों में उबाल, आक्रोश सभा की हुई शुरुआत…

  • वक्ताओं ने कहा, जेपीएससी को विश्वविद्यालय से प्रोन्नति की फाइल भेजे 36 महीने हो चुके हैं जबकि नियमों के अनुसार 6 माह में प्रोन्नति प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए थी

रांची : डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी (DSPMU Ranchi) के सभागार में असिस्टेंट प्रोफेसर्स की विशेष आक्रोश सभा आयोजित हुई। सभा की अध्यक्षता जुटान के अध्यक्ष डा. जगदीश लोहरा ने की तथा संचालन डीएसपीएमयू शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष डा. अभय कृष्ण सिंह ने किया। सभा में शिक्षकों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा अब बहुत हो चुका, पानी सिर से ऊपर जा चुका है। शिक्षकों का धैर्य टूटने के कगार पर है।जेपीएससी को विश्वविद्यालय से प्रोन्नति की फाइल भेजे 36 महीने हो चुके हैं जबकि नियमों के अनुसार 6 माह में प्रोन्नति प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए थी। जेपीएससी हर बार नए कागज मांग कर प्रक्रिया को लटकाए जा रहा है। कागज पर कागज और इंतजार पर इंतजार से शिक्षक थक चुके हैं। सबसे दुर्भाग्यजनक यह है कि जेपीएससी कोई स्पष्ट सूचना भी नहीं देता, जिससे शिक्षकों में असमंजस और अफवाहें बढ़ रही हैं। शिक्षकों ने स्पष्ट कहा कि यह केवल आर्थिक हक का मामला नहीं बल्कि सम्मान, आत्म-सम्मान और अकादमिक गरिमा का प्रश्न है। प्रोन्नति नहीं मिलने से शिक्षक वर्ग मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर रहा है, जिससे शिक्षा व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। आक्रोश सह एकजुटता अभियान का आरंभ कर दिया गया है। 9 जुलाई से शिक्षक प्रतिनिधि विभिन्न महाविद्यालयों में जाकर आक्रोश सभाएं करेंगे। 9 जुलाई को दोपहर 2:30 बजे रांची वीमेंस कालेज में आक्रोश सभा आयोजित की जाएगी।

सभा में ये लिया गया निर्णय :

जेपीएससी की उदासीनता और शासन की चुप्पी के विरोध में शिक्षक आंदोलनात्मक कार्यक्रम करेंगे

  • काला बिल्ला लगाकर विरोध
  • एक दिवसीय धरना
  • कलमबंद हड़ताल
  • महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में तालाबंदी
  • आवश्यकतानुसार अनिश्चितकालीन हड़ताल तक शामिल है।

शिक्षक संगठनों को एकजुट होना होगा :
सभा में जुटान के संयोजक डा. कंजीव लोचन ने कहा कि राज्य के सभी शिक्षक संगठनों को एकजुट होकर इस न्यायोचित लड़ाई में साथ आना चाहिए। जेपीएससी और राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई ताकि अविलंब प्रोन्नति प्रक्रिया पूरी कराई जा सके। उन्होंने चेताया कि यदि समय रहते समाधान नहीं हुआ तो राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था ठप हो जाएगी और इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन और जेपीएससी की होगी। उन्होंने कहा अब शिक्षकों का सैलाब उठ चुका है। डा. जगदीश लोहरा ने कहा विलंब की सूचना कुलपतियों, राजभवन और मानव संसाधन विभाग तक पहुंचाई जा चुकी है। अब लगता है कि जेपीएससी की मंशा शिक्षकों को आंदोलन के लिए बाध्य करने की है, तो यह तमन्ना पूरी कर दी जाएगी। सभा के अंत में धन्यवाद ज्ञापन सभा आयोजक डा. विनय भारत ने किया। सभा में कोल्हान विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के डा. इंदल पासवान सहित राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के शिक्षक उपस्थित रहे, जिनमें डा. धनंजय वासुदेव द्विवेदी, डा. आनंद ठाकुर, डा. शालिनी लाल, डा. आभा झा, डा. पीयूष बाला, डा. किरण झा, डा. अर्पणा सिन्हा, डा. विद्यान कुमारी, डा. नमिता लाल, डा. जिंदर सिंह मुंडा, डा. गणेश बास्के, डा. अभय सागर मिंज, डा. शशिकांता, डा. गीता सिंह, डा. हेमेंद्र भगत, डा. रोजलीना सिंह, डा. रेणु कुमारी, डा. रीता कुमारी, डा. नीलू कुमारी, डा. सीमा केसरी, डा. अनुजा विवेक, डा. आनंद ठाकुर, डा. शुचि बरवार, डा. रजनी कुमारी, तथा अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे। सबने एक स्वर में कहा यदि शीघ्र समाधान नहीं निकला, तो विश्वविद्यालयों में निर्णायक संघर्ष किया जाएगा।
Maurya News18 Ranchi.

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