- अजय पिछले 12 वर्षों से राज्य के लिए खेलते आ रहे हैं
- अब तक न तो सरकारी नौकरी मिली और न ही कोई आवास या आर्थिक सहायता

धनबाद (बाघमारा) : झारखंड को राष्ट्रीय पैरा ओलंपिक खेलों में 24 मेडल दिलाने वाले अजय कुमार पासवान आज गरीबी, बेबसी और सरकारी उदासीनता के अंधेरे में जीने को मजबूर हैं। धनबाद जिले के मालकेरा 4 नंबर बस्ती के रहने वाले अजय पिछले 12 वर्षों से राज्य के लिए खेलते आ रहे हैं, लेकिन अब तक न तो सरकारी नौकरी मिली, न ही कोई आवास या आर्थिक सहायता। अजय ने बताया कि वह दो-दो खेल मंत्रियों से मिल चुके हैं, कई बार ब्लॉक ऑफिस के चक्कर काटे, लेकिन मदद सिर्फ आश्वासन तक सीमित रह गई। उनका कहना है कि अब हालत इतनी खराब हो चुकी है कि पिता टीबी से ग्रसित हैं, घर की दीवारें बरसात में गिर गईं और पक्का मकान तक नहीं है। अजय का सवाल है जब मेरे जैसे खिलाड़ी को भी दिव्यांगजन आरक्षण के तहत न आवास मिल रहा, न योजना का लाभ, तो फिर ये नियम किसके लिए हैं। उन्होंने बाघमारा ब्लॉक में भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हुए कहा कि एक ही परिवार को दो-दो बार आवास मिल चुका है लेकिन उन्हें एक भी नहीं। यह मामला न केवल एक राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी की उपेक्षा का प्रतीक है बल्कि सरकारी योजनाओं और व्यवस्था की संवेदनहीनता को भी उजागर करता है।
Maurya News18 Dhanbad.