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संघ की नींव आरक्षण में घुसपैठ के विरुद्ध आंदोलन की विचारधारा के रूप में पड़ी : सुशील

  • आंदोलन की चेतना से निकला संगठन आदिवासी छात्र संघ का मनाया 25वां स्थापना दिवस

रांची : आदिवासी छात्र संघ (ACS) ने अपने 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर रांची के करम टोली स्थित कार्यालय में एक सभा का आयोजन किया। मौके पर संगठन के पूर्ववर्ती संघर्ष, उपलब्धियों और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष सुशील उरांव ने की। केंद्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आदिवासी छात्र संघ का गठन झारखंड राज्य निर्माण से ठीक चार महीने पूर्व वर्ष 2000 में हुआ था, जब राज्य के अलग अस्तित्व की मांग जोरों पर थी और सामाजिक-राजनीतिक चेतना अपने उत्कर्ष पर थी। संघ की नींव आरक्षण में घुसपैठ के विरुद्ध आंदोलन की विचारधारा के रूप में पड़ी, जिसका उद्देश्य आदिवासी छात्रों को संगठित कर शिक्षा, सामाजिक अधिकार और नेतृत्व के लिए तैयार करना था। झारखंड राज्य की घोषणा 15 नवंबर 2000 को हुई जबकि एसीएस ने 8 जुलाई 2000 में ही अपनी सक्रियता से संगठनात्मक काम शुरू कर दिया था।

वक्ताओं ने बताया कि बीते 25 वर्षों में आदिवासी छात्र संघ ने न केवल शैक्षणिक संस्थानों में छात्र नेतृत्व को मजबूत किया बल्कि बैकलाग नियुक्ति, छात्रवृत्ति, आदिवासी संस्कृति संरक्षण, और आरक्षण के मुद्दों पर राज्यव्यापी आंदोलन भी चलाए। सभा में यह भी घोषित किया गया कि आने वाले महीनों में राज्य सरकार और विश्वविद्यालयों में लंबित बैकलाग पदों की नियुक्तियों को लेकर संगठन निर्णायक लड़ाई छेड़ेगा। इस दौरान केंद्रीय संयोजक सह कोषाध्यक्ष प्रो. जलेश्वर भगत, केंद्रीय मीडिया प्रभारी सुमित उरांव, रांची यूनिवर्सिटी अध्यक्ष मनोज उरांव, डीएसपीएमयू अध्यक्ष विवेक तिर्की, अरविंद गाड़ी, राजू उरांव, दीपा कच्छप, मोनू लकड़ा, रोशन तिग्गा, महादेव उरांव, निशांत तिर्की, लक्ष्मण उरांव, संदीप उरांव, प्रकाश भगत, रोहित उरांव समेत कई अन्य उपस्थित रहे।
Maurya News18 Ranchi.

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