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स्वास्थ्य केंद्र में फाइलेरिया मरीजों के लिए फाइलेरिया क्लीनिक का किया उद्घाटन

  • स्वास्थ्य केंद्र पर फाइलेरिया मरीजों को प्रभावित अंगों की साफ सफाई के लिए एमएमडीपी किट किए वितरित
  • फाइलेरिया से बचाव के लिए जागरूकता आवश्यक
  • स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीजों की देखभाल पर दिया जा रहा है ध्यान
  • सरकार द्वारा सर्वजन दवा सेवन अभियान द्वारा लोगों को खिलाई जाती है फाइलेरिया रोधी दवा

कटिहार : जिले के मनसाही प्रखंड के मरंगी पंचायत में फाइलेरिया (Filaria) ग्रसित मरीजों को नियमित स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध कराते हुए फाइलेरिया ग्रसित अंगों की विशेष देखभाल करने के लिए फाइलेरिया क्लीनिक का उद्घाटन किया गया। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह द्वारा उपस्थित फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों को फाइलेरिया नियंत्रण के लिए मोरबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रिवेंशन (MMDP) किट का वितरण किया गया। एमएमडीपी किट्स के वितरण के दौरान स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा मरीजों को फाइलेरिया ग्रसित अंगों की देखभाल करने और आवश्यक दवाइयों का नियमित उपयोग करने की जानकारी भी दी गई। साथ ही अधिकारियों द्वारा मरीजों को अपने घर व आसपास के लोगों को भी फाइलेरिया बीमारी से सुरक्षित रहने के लिए ध्यान रखने योग्य बातों की जानकारी दी गई। इस दौरान स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा उपस्थित मरीजों को एमएमडीपी उपयोग के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया। इस दौरान मरंगी पंचायत के मुखिया के साथ साथ जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जेपी सिंह, भीबीडीसीओ, डीपीएम डॉ किसलय कुमार, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मनसाही BHM अनवर आलम, BCM कल्पना कुमारी, CHO नरेंद्र कुमार, मरंगी हेल्थ सब सेंटर के स्वास्थ्य अधिकारी, पिरामल फाउंडेशन स्वास्थ्य के एसपीएम अमित शर्मा, पिरामल जिला प्रोग्राम लीड मनीष कुमार सिंह, अभिजीत कुमार सिंह, पिरामल स्वास्थ्य कर्मी मनीष कुमार सिंह, अभिमन्यु कुमार, नीरज कुमार, बरखा पॉल सहित क्षेत्र के अन्य पंचायत प्रतिनिधि, आशा कर्मी, आंगनवाडी सेविकाएं और स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे।

फाइलेरिया मरीजों को सावधानी रखते हुए ग्रसित अंगों की देखभाल की दी गई जानकारी :
एमएमडीपी किट वितरण के साथ ही सभी फाइलेरिया मरीजों को ग्रसित अंगों के नियमित रूप से देखभाल की जानकारी दी गई। सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया फाइलेरिया ग्रसित होने पर उसका संपूर्ण इलाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में ग्रसित अंगों की सही तरीके से देखभाल जरूरी है। ज्यादातर लोगों के पांव फाइलेरिया से ग्रसित होते हैं जिसे आमतौर पर हाथीपांव भी कहा जाता है। ग्रसित होने पर लोगों को इसका विशेष ध्यान रखना जरूरी है। पांव को नियमित रूप से डेटॉल साबुन से साफ करने के साथ उसमें एंटीसेप्टिक क्रीम का लगाना चाहिए। इससे ग्रसित अंगों का आवश्यक नियंत्रण किया जा सकता है।

फाइलेरिया से बचाव के लिए जागरूकता आवश्यक :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जेपी सिंह ने बताया कि फाइलेरिया मच्छरों द्वारा फैलता है। विशेष रूप से परजीवी क्यूलैक्स फैंटीगंस मादा मच्छर के काटने से। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया से ग्रस्त व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है। फिर जब यह मच्छर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के विषाणु रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देता हैं। संक्रमित मच्छर के काटने से बहुत छोटे आकार के कृमि शरीर में प्रवेश करते हैं। ये कृमि लसिका तंत्र की नलियों में होते हैं और उन्हें बंद कर देते हैं। इस बीमारी को हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है। फाइलेरिया को खत्म करने के लिए कोई विशेष इलाज नहीं हैं लेकिन इसका जागरूक रहकर बचाव करने से इससे उबरा जा सकता है। अगर समय रहते फाइलेरिया की पहचान कर ली जाए तो जल्द ही इसका इलाज शुरू कर इसे खत्म किया जा सकता है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीजों की देखभाल पर दिया जा रहा है ध्यान :
डीपीएम स्वास्थ्य डॉ किशलय कुमार ने कहा कि फाइलेरिया के मरीजों की देखभाल के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर एमएमडीपी किट प्रदान किए जाते हैं। कीट के रूप में एक टब, एक मग, कॉटन बंडल, तौलिया, डेटॉल साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम जाता है जिससे संबंधित मरीज फाइलेरिया ग्रसित अंगों का ध्यान रख सकें। इसके अलावा फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को नेटवर्क मेंबर बनाया गया है जिससे कि उनके द्वारा संबंधित क्षेत्र में अन्य लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक किया जा सके और फाइलेरिया ग्रसित मरीज सही समय पर अस्पताल पहुंचकर अपनी जांच कराते हुए अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का लाभ उठा सके।

सरकार द्वारा सर्वजन दवा सेवन अभियान द्वारा लोगों को खिलाया जाता है फाइलेरिया रोधी दवा :
पिरामल स्वास्थ्य के राज्य कार्यक्रम अधिकारी अमित शर्मा ने बताया फाइलेरिया से बचाव के लिए सरकार द्वारा साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाता है। इस दौरान घर घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाती है। सभी लोगों द्वारा लगातार पांच साल तक अगर साल में एक बार फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया जाता है तो वे इन बीमारी से सुरक्षित रह सकते हैं।
Maurya News18 Katihar.

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