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संस्कृत केवल एक भाषा नहीं बल्कि हमारे गौरवशाली इतिहास की अमूल्य धरोहर : चेयरमैन

  • टेंडर हार्ट स्कूल में आरंभ हुआ संस्कृत संवाद का सफर
  • कार्यशाला विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए हुई आयोजित, जिसका उद्देश्य सरल एवं व्यावहारिक संस्कृत संवाद में दक्ष बनाना है

रांची : टेंडर हार्ट स्कूल (Tender Heart School Ranchi) में सोमवार को सात दिवसीय संस्कृत संवाद कार्यशाला का शुभारंभ हर्षोल्लास के साथ किया गया। यह कार्यशाला विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए आयोजित की गई है, जिसका उद्देश्य सभी को सरल एवं व्यावहारिक संस्कृत संवाद में दक्ष बनाना है। कार्यशाला का शुभारंभ डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी युनिवर्सिटी के वरिष्ठ प्राध्यापक डा. जगदम्बा प्रसाद सिंह, संस्कृत विद्वान आशीष कुमार एवं तनु कुमारी के मार्गदर्शन में हुआ। ये तीनों विशेषज्ञ आगामी सात दिनों तक विद्यार्थियों को संस्कृत में संवाद करने की कला सिखाएंगे ताकि वे इस प्राचीन भाषा को न केवल पढ़ना बल्कि आत्मविश्वास के साथ बोलना भी सीख सकें।

जब हम संस्कृत सीखते हैं, तो हम अपनी जड़ों से जुड़ते हैं :
कार्यक्रम में टेंडर हार्ट स्कूल के चेयरमैन सुधीर तिवारी ने अतिथियों का स्वागत करते कहा कि संस्कृत केवल एक भाषा नहीं बल्कि हमारे गौरवशाली इतिहास की अमूल्य धरोहर है। जब हम संस्कृत सीखते हैं, तो हम अपनी जड़ों से जुड़ते हैं। आधुनिकता का अर्थ यह नहीं है कि हम अपनी परंपराओं को भूल जाएं बल्कि यह है कि हम प्राचीन ज्ञान को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ें, यही सच्ची आधुनिकता है। उन्होंने कहा कि संस्कृत के माध्यम से हम न केवल ऋग्वेद, उपनिषद जैसे महान ग्रंथों को समझ पाएंगे बल्कि संवाद की एक नई शैली भी अपनाएंगे, जो हमें आत्मबल एवं आत्मविश्वास प्रदान करेगी। इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्या उषा किरण झा, निदेशक जे. मोहंती एवं उप प्राचार्या शिवांगी शुक्ला समेत विद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षिकाओं ने कार्यशाला में सहभागिता दिखाई एवं विद्यार्थियों का उत्साहवर्द्धन किया।
Maurya News18 Ranchi.

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