केंद्रीय प्रेक्षक सामान्य, पुलिस और व्यय
पटना, बिहार . मौर्य न्यूज़18 डेस्क ।
बिहार में विधानसभा आम निर्वाचन और कुछ राज्यों में उपनिर्वाचनों के लिए केन्द्रीय प्रेक्षक (सामान्य, पुलिस और व्यय) तैनात किए गए
- भारत निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्छेद 324 द्वारा प्रदत्त संपूर्ण शक्तियों और लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 20B द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत किसी निर्वाचन क्षेत्र में चुनावों के संचालन की निगरानी के लिए केन्द्रीय प्रेक्षक तैनात करता है।
2.प्रेक्षक अपनी नियुक्ति से लेकर चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने तक आयोग के अधीन, नियंत्रण और अनुशासन के अंतर्गत कार्य करते हैं।
- प्रेक्षकों को चुनाव की निष्पक्षता, तटस्थता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने की महत्वपूर्ण और गंभीर जिम्मेदारी सौंपी जाती है, जो हमारे लोकतांत्रिक तंत्र की आधारशिला होती है। वे आयोग की आँख और कान का कार्य करते हैं तथा समय-समय पर और आवश्यकता अनुसार आयोग को रिपोर्ट देते हैं।
- प्रेक्षक न केवल आयोग को स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और समावेशी चुनाव कराने के संवैधानिक दायित्व को पूरा करने में मदद करते हैं, बल्कि चुनावों में मतदाताओं की जागरूकता और भागीदारी बढ़ाने में भी योगदान देते हैं।
5.प्रेक्षकों का मुख्य उद्देश्य सुधार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की पहचान करना और ठोस तथा व्यावहारिक सिफारिशें तैयार करना होता है।
- अपनी वरिष्ठता और प्रशासनिक सेवाओं में लंबे अनुभव के बल पर सामान्य और पुलिस प्रेक्षक आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान कराने में सहायता करते हैं। वे क्षेत्र स्तर पर चुनावी प्रक्रिया के कुशल और प्रभावी प्रबंधन की निगरानी भी करते हैं।
- व्यय प्रेक्षक उम्मीदवारों द्वारा किए गए चुनावी खर्चों का निरीक्षण करने के लिए नियुक्त किए जाते हैं।
- भारत निर्वाचन आयोग ने आगामी बिहार विधानसभा आम चुनाव और जम्मू-कश्मीर (AC-बडगाम और नागरोटा), राजस्थान (AC-अंटा), झारखंड (AC-घाटसिला), तेलंगाना (AC-जुबली हिल्स), पंजाब (AC-तरणतारन), मिजोरम (AC-डाम्पा) और ओडिशा (AC-नुआपाड़ा) में होने वाले उपनिर्वाचनों के लिए 470 अधिकारियों (320 IAS, 60 IPS और 90 IRS/IRAS/ICAS आदि) को केन्द्रीय प्रेक्षक (सामान्य, पुलिस और व्यय) के रूप में तैनात करने का निर्णय लिया है
पटना से निर्वाचन आयोग ने प्रेस रिलीज जारी की ।