- ऐसा माना जाता है कि इस दिन स्नान और दीपदान करने से समस्त पापों का नाश होता है
रांची : कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दीपदान और दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन स्नान और दीपदान करने से समस्त पापों का नाश होता है। मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था और भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इस बार कार्तिक पूर्णिमा का पर्व 5 नवंबर 2025 बुधवार को मनाया जाएगा। वहीं, इस दिन कुछ खास उपायों को करने से भी मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। तो चलिए जानते हैं उन उपायों के बारे में…
घी के दीए प्रज्ज्वलित करें :
कार्तिक पूर्णिमा की रात घर के मुख्य द्वार और पूजा घर में एक घी का दीपक प्रज्वलित करना चाहिए। इसके अलावा अगर आप गंगा घाट पर हैं तो 11 या 21 दीए जलाएं। यह दीपदान भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी दोनों को प्रसन्न करता है और घर में लक्ष्मी का स्थायी वास होता है।
तुलसी माता की पूजा :
कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी के पौधे को गंगाजल से स्नान कराएं, फिर उस पर घी का दीपक जलाएं। तुलसी माता को लाल या पीले फूल चढ़ाएं और ओम नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करें। इससे घर की नकारात्मकता समाप्त होती है और सुख-शांति आती है।
करें श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप :
कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत ही दिव्य होता है इसलिए पूरे दिन दामोदर महामंत्र या हरे कृष्ण महामंत्र का जाप करें। कहते हैं कि इन मंत्रों के जाप से मन की अशुद्धियां दूर होती हैं और मन शांत रहता है। साथ ही आसपास की ऊर्जा सकारात्मक दिशा ले लेती है।
ब्राह्मण और जरूरतमंदों को दान :
कार्तिक पूर्णिमा के दिन भोजन, वस्त्र या कंबल दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह पितरों की आत्मा को शांति देता है और आपके जीवन से आर्थिक संकट दूर करता है। साथ ही, इस उपाय को करने से पिछले जन्मों के पाप भी धुल जाते हैं और घर में लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ :
कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करना भी बहुत ही फलदायी माना जाता है। इस दिन गीता का एक श्लोक भी श्रद्धा से पढ़ लिया जाए, तो वह पूरे वेदों के अध्ययन के समान फल देता है।
Maurya News18 Ranchi.

