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Ranchi : कुछ ऐसा करिए कि कम संसाधनों में अधिक उत्पादन हो : राज्यपाल

– बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी रांची का 44वां स्थापना दिवस समारोह आयोजित

– राज्यपाल ने कहा कि वह कुलपतियों को अधिक से अधिक शक्ति और स्वायत्तता देने के पक्षधर रहे हैं

रांची : मौका था बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी रांची (BAU Ranchi) का 44वां स्थापना दिवस समारोह का। बुधवार को सुबह 11 बजे से ही बीएयू परिसर में चहल-पहल बढ़ने लगी। बीएयू और राज्य भर से आए कृषि विज्ञानियों ने स्थापना दिवस पर अपने विचार साझा किए। इस अवसर बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि कृषि के बिना किसी संस्कृति का अस्तित्व नहीं रहेगा इसलिए कृषि, किसान और गांवों की बेहतरी के लिए सबको मिलकर काम करना चाहिए। आने वाले समय में कम भूमि, कम पानी और कम प्राकृतिक संसाधन के साथ ही ज्यादा उत्पादन करने की चुनौती सामने आएगी जिसके लिए विज्ञानियों को कमर कसनी है और रणनीति विकसित करनी है। उन्होंने कहा हम जो भी करें वह राष्ट्र का काम समझकर करें न कि किसी संस्थान, क्षेत्र, राज्य या समूह विशेष का कार्य समझकर, देश बढ़ेगा तो सभी बढ़ेंगे। राज्यपाल ने इस अवसर पर सभी पदाधिकारी व छात्र छात्राओं को सकारात्मक रहने पर जोर देते हुए कहा कि सभी संस्थानों को मानव संसाधन सहित सुविधाओं की कमी है, कोई भी समस्याओं से मुक्त नहीं है। समस्याओं से गुजरते हुए सीमित संसाधनों के साथ भी हमको अपना सर्वोत्तम देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह कुलपतियों को अधिक से अधिक शक्ति और स्वायत्तता देने के पक्षधर रहे हैं।

इस अवसर पर राज्यपाल ने बीएयू की वार्षिक रिपोर्ट तथा प्रो. एनसी दास की पुस्तक एंट्रेप्रेनुरल डिजाइंस फार स्टार्ट-अप्स का लोकार्पण किया। 80 वर्ष से अधिक उम्र के 6 कर्मियों डा. डीके ठाकुर, डा. डीके मुखर्जी, डा. डीके झा, ध्रुव राज महतो, सुकरी मेहतरानी तथा अर्जुन प्रसाद को सम्मानित किया। अपनी मानवतावादी संवेदना के साथ राज्यपाल ने अपना मोमेंटो मंच से नीचे आकर सुकरी मेहतरानी को सौंपा तो पूरे परिसर में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। स्थापना दिवस पर नवोन्मेषी कृषि के लिए चार किसानों पलामू के कपिलदेव ठाकुर, पूर्वी सिंहभूम के अमित कुमार महतो, चतरा के बीरेंद्र कुमार तथा बोकारो की संगीता देवी को सम्मानित किया गया।

वक्ताओं ने ये कहा :

– राजेंद्र चिकित्सा विज्ञान संस्थान (रिम्स) रांची के निदेशक एवं सीईओ डा. राजकुमार ने कहा ह्रदय रोग, सड़क दुर्घटना और कैंसर के साथ-साथ खाद्य पदार्थों में मिलावट एवं घातक रसायनों का अंश होना मौत का प्रमुख कारण बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि नियमित व्यायाम, शारीरिक वजन प्रबंधन और ताजे फल-सब्जियों के समुचित उपभोग से कैंसर होने की संभावना को कम किया जा सकता है।

– भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान नामकुम के निदेशक डा. सुजय रक्षित ने कहा स्थापना दिवस का अवसर उपलब्धियों के सिंहावलोकन के साथ-साथ संस्थान के समक्ष उपस्थित चुनौतियों के आकलन और उनसे निपटने के रोड माप पर चिंतन करने का भी है।

– बीएयू के कुलपति डा. एससी दूबे ने स्वागत भाषण देते बीएयू की उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारे भावी शोध कार्यक्रमों का फोकस गर्मी सहिष्णु बायोफोर्टीफायड फसल प्रभेदों के विकास, टिकाऊ जल एवं पोषण प्रबंधन, समेकित कृषि प्रणाली तथा पशुओं एवं पौधों के देशज प्रभेदों के संरक्षण एवं संवर्द्धन पर होगा।

विकसित भारत @ 2047 को प्राप्त करने की दिशा में रहना होगा क्रियाशील :
राज्यपाल सह झारखंड राज्य के यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि राष्ट्र के विकास के लिए सभी राज्यों का समग्र विकास महत्वपूर्ण है। उन्होंने ऐसे समावेशी विकास की बात कही, जिसमें हर वर्ग और समुदाय की जरूरतें पूरी हों। उन्होंने कहा जनसंख्या वृद्धि के कारण खाद्यान्न की आवश्यकताएं बढ़ रही हैं एवं कृषि-भूमि घट रही है। एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी का खाद्यान्न की जरूरतों को पूर्ण करने की दिशा में अहम दायित्व है। उन्होंने विद्यार्थियों को इस क्षेत्र का चयन करने के लिए बधाई दी तथा बेहतर अनुसंधान करने की सलाह दी। कहा कि सभी युनिवर्सिटी नई उपलब्धियों से विकसित भारत @ 2047 को प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर रहें। प्रसन्नता व्यक्त करते कहा कि बीएयू पड़ोसी राज्यों की आवश्यकताओं को भी पूर्ण करने की दिशा में सक्रिय है। हमें बड़े पैमाने पर समुदाय की सेवा करने की कोशिश करनी चाहिए। हमारी युवा पीढ़ी निरंतर सफलता की ऊंचाइयों को छू रही है, पूरे विश्व में अपनी प्रतिभा से ख्याति अर्जित कर राष्ट्र को गौरवान्वित कर रही है। उन्होंने संस्थान की प्रगति और बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए बेहतर कार्य करने वालों प्रोत्साहित किए जाने पर बल दिया।

प्रतियोगिताओं में अव्वल रहे विद्यार्थी हुए सम्मानित :
स्थापना दिवस पर शिक्षकों के लिए आयोजित निबंध प्रतियोगिता में कृषि महाविद्यालय गढ़वा के डा. एंजल दीपक शयनराव को प्रथम, पशुचिकित्सा महाविद्यालय रांची की डा. पुनीता कुमारी को द्वितीय तथा बागवानी महाविद्यालय खूंटपानी चाईबासा के डा. शेखर साहू को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। शिक्षकेतर कर्मियों के लिए आयोजित निबंध प्रतियोगिता में कृषि महाविद्यालय गढ़वा के आकाश कुमार गुप्ता को प्रथम, कुलसचिव कार्यालय की भारती कुमारी को द्वितीय तथा वानिकी महाविद्यालय के अमरेंद्र कुमार वर्मा को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। वहीं अंतरस्नातक विद्यार्थियों के लिए आयोजित आन द स्पाट निबंध प्रतियोगिता में तिलका मांझी कृषि महाविद्यालय की तनुश्री ने प्रथम, यशी ने द्वितीय तथा प्रेरणा भारती ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। जबकि स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित निबंध प्रतियोगिता में वानिकी महाविद्यालय की जेबा सदफ को प्रथम, गुलाम मुर्तजा को द्वितीय तथा हसन शौफिक को तृतीय पुरस्कार मिला। आयोजन सचिव तथा निदेशक छात्र कल्याण डा. बीके अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन तथा शशि सिंह ने मंच संचालन किया।

Maurya News18 Ranchi.

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