– घेराव के क्रम में कई विधायकों एवं सांसदों ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षा सचिव के नाम मांगों की पूर्ति के लिए अपना अनुशंसा पत्र लिखा
रांची : अपनी तीन सूत्रीय मांगों को ले वित्तरहित शिक्षकों ने सरकार और जैक बोर्ड (JAC Board) के विरोध में मोर्चा खोला है। बता दें कि अनुदानित स्कूलों एवं इंटर कालेजों के कर्मी को राज्य कर्मी का दर्जा देने, अनुदान की राशि 80 प्रतिशत बढ़ाने एवं अनुदान बढ़ोत्तरी के विभागीय प्रस्ताव को मंत्री परिषद भेजने और जैक द्वारा इंटरमीडिएट में सीट को घटाने के निर्णय को वापस लेने की तीन सूत्रीय मांग को ले राज्य भर के वित्तरहित शिक्षक कर्मचारियों ने अपने-अपने क्षेत्र के विधायकों एवं सांसदों का घेराव किया। घेराव के क्रम में कई विधायकों एवं सांसदों ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षा सचिव के नाम मांगों की पूर्ति के लिए अपना अनुशंसा पत्र लिखा। विधायकों ने अपने अनुशंसा पत्र में लिखा है कि ये सभी संस्थान विगत 25-30 वर्षों से संचालित हैं। कई स्कूल इंटर कालेज एकीकृत बिहार से प्रस्वीकृत हैं।
झारखंड सरकार इन संस्थानों में कार्यरत शिक्षक कर्मचारियों को साल में एक बार अनुदान देती है। महंगाई के इस दौर में अनुदान राशि काफी कम है और शिक्षकों की आर्थिक स्थिति भी दयनीय हो गई है। विधायकों ने लिखे पत्र में मुख्यमंत्री से मांग की है कि इन संस्थानों में कार्यरत शिक्षक कर्मचारियों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए और संस्थान का अधिग्रहण किया जाए।
ये लोग क्या बोले
वहीं, मोर्चा के नेता रघुनाथ सिंह, कुंदन कुमार सिंह, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलुल कादरी अहमद, अरविंद सिंह, मनीष कुमार, संजय कुमार, गणेश महतो, नरोत्तम सिंह, देवनाथ सिंह, इंद्रदेव महतो, रघु विश्वकर्मा और रंजीत मिश्रा ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा कि 2 जुलाई तक 40 से ज्यादा विधायकों एवं सांसदों का अनुशंसा पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा।
इन विधायकों और सांसद ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र :
– सुखदेव भगत, सांसद लोहरदगा
– रामचंद्र सिंह, विधायक
– अमित कुमार यादव, बरकट्ठा विधायक
– रामचंद्र सिंह, विधायक
– जयप्रकाश भाई पटेल, विधायक
– शिल्पी नेहा तिर्की, विधायक
– दीपिका पांडेय सिंह, विधायक
– सुनीता चौधरी, विधायक
– भूषण तिर्की, विधायक
– इंद्रजीत महतो, विधायक
– अनंत ओझा विधायक
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