- – बड़ी संख्या में पूरे राज्य से शिक्षकों ने हिस्सा लिया, जिसमें महिलाओं की संख्या भी अधिक रही
- – संस्कृत शिक्षक पीला वस्त्र पहन कर आए थे जबकि मदरसा शिक्षक भारी संख्या में टोपी पहन कर रहे उपस्थित
रांची : वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को ले राजभवन के सामने महा धरना दिया। महाधरना के बाद मोर्चा ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में पूरे राज्य से शिक्षकों ने हिस्सा लिया, जिसमें महिलाओं की संख्या भी अधिक रही। संस्कृत शिक्षक पीला वस्त्र पहन कर आए थे जबकि मदरसा शिक्षक भारी संख्या में टोपी पहन कर उपस्थित थे।
अनुदान की राशि चौगुना करने के प्रस्ताव को कैबिनेट भेजने के अलावे जैक द्वारा इंटरमीडिएट के नामांकन में सीट कम करने के निर्णय को वापस लेने और बिहार में नियोजित शिक्षकों की तर्ज पर सरकारी कर्मी का दर्जा दिए जाने की मांग शामिल है। यही नहीं ओडिशा की तर्ज पर घाटा अनुदान देने, एसपीटी एक्ट एवं सीएनटी एक्ट में भूमि की शर्त में छूट देने के संलेख को मंत्री परिषद भेजना, लंबित अनुदान देने की मांग भी राज्यपाल के समक्ष रखी गई।
बनाई गई रणनीति :
- – मोर्चा के सदस्य 20 जून को अध्यक्ष मंडल की बैठक करेंगे, जिसमें आगे की रणनीति पर विचार विमर्श होगा
- – 22 जून को राज्य के अपने अपने क्षेत्र के विधायकों को वित्तरहित शिक्षक एक दिन का घेराव करेंगे और मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखवाएंगे
- – 26 जून को जैक कार्यालय का घेराव करेंगे और सीट वृद्धि के निर्णय को वापस लेने की मांग करेंगे
- – विधानसभा सत्र के समय मोर्चा का प्रदर्शन होगा और सदस्य अपनी गिरफ्तारी देंगे
- – 26 जून को मोर्चा अपने आंदोलन के विस्तृत कार्यक्रम की घोषणा करेगा
धरना को इन्होंने किया संबोधित :
धरना को रघुनाथ सिंह, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, अरविंद सिंह, फजलूल कादरी अहमद, कुंदन कुमार सिंह, गणेश महतो, मनीष कुमार, संजय कुमार, देवनाथ सिंह, अनिल तिवारी, रघु विश्वकर्मा, नरोत्तम सिंह, संजय कुमार, डालेश चौधरी, शशिशेखर पाठक, दिधेश्वर सिंह, अनिल तिवारी, संगीता मेहता, बिरसौ उरांव, फुलेश्वरी देवी, ललिता कुमारी, मनेश्वर महतो, जयंती कुमारी के अलावे कई अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया।
Maurya News 18 Ranchi.