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St. Xavier’s college Ranchi : व्याख्यान में अंग्रेजी शिक्षा के स्वरूप, विकास और चुनौतियों पर चर्चा…

  • संत जेवियर्स कालेज रांची में व्याख्यान का आयोजन
  • वक्ताओं ने कहा, अंग्रेजी किताबें ब्रिटेन की तुलना में भारत में अधिक खरीदी और पढ़ी जाती हैं, भारत में अंग्रेजी भाषा भारतीयों को भारत के नजरिए से देखने की भाषा बन चुकी है न कि पश्चिम के आईने से

रांची : संत जेवियर्स कालेज रांची (St. Xavier’s college Ranchi) के अंग्रेजी विभाग में कालेज के फा. सी. डिब्रावर सभागार में आशुतोष राय स्मृति का दूसरा व्याख्यान आयोजित किया गया। व्याख्यान का शीर्षक इतिहास, कला और शिक्षा शास्त्र था। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में जाने माने शिक्षाविद डा. शंकर आशीष दत्त को आमंत्रित किया गया। डा. शंकर आशीष दत्त लंबे समय से पटना यूनिवर्सिटी के अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष रहे और बिहार संगीत एवं नाट्य अकादमी के चेयरमैन के रूप में भी अपनी सेवाएं प्रदान की। कई यूनिवर्सिटी की शासी निकाय, सलाहकार समिति और अकादमिक काउंसिल के सदस्य भी रह चुके हैं।

व्याख्यान का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर और आशुतोष राय के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। मुख्य अतिथि ने देश में शिक्षा और खासकर के अंग्रेजी शिक्षा के स्वरूप, विकास और चुनौतियों पर चर्चा की। कहा कि अंग्रेजी शैक्षिक, राजनीतिक एवं न्यायिक प्रणालियों में वर्चस्व रखती है। ऐसे में भारत जैसे बहुआयामी और बहुभाषायी देश में यह संस्कृतियों को जोड़ने का माध्यम बन चुकी है। मौजूदा समय में इस बात की आवश्यकता है कि हम अंग्रेजी भाषा के परिप्रेक्ष्य में ब्रिटेन की अंग्रेजी भाषा का केंद्र न समझें अपितु इसे ऐसी भाषा के रूप में देखें जो भारत कि भाषा बन चुकी है अथवा इस पथ पर निरंतर अग्रसर है। इसका सबसे सटीक उदाहरण यह है कि अंग्रेजी किताबें ब्रिटेन की तुलना में भारत में अधिक खरीदी और पढ़ी जाती हैं। भारत में अंग्रेजी भाषा भारतीयों को भारत के नजरिए से देखने की भाषा बन चुकी है न कि पश्चिम के आईने से।

ये रहे मौजूद :
मौके पर कालेज के रेक्टर फा. एलेक्सियस एक्का, प्राचार्य फा. नबोर लकड़ा, उप प्राचार्य फा. राबर्ट प्रदीप कुजूर, फा. अजय मिंज, डा. सुशील राजगढ़िया, विभागाध्यक्ष डा. जूही होरो, डा. अचल सिन्हा, डा. सुमना घोष, डा. सुमिता राय, डा. थामस डुंगडुंग, डा. हरिश्वर दयाल, प्रो. मनोहर लाल, डा. कमल बोस एवं अन्य प्राध्यापक और विद्यार्थी मौजूद रहे।

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