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आंगनबाड़ी केंद्रों में महिलाओं और बच्चों के बीच किया THR का वितरण, जाने कहां…

  • आंगनबाड़ी केंद्रों में हर माह गर्भवती-धात्री महिलाओं और कुपोषित बच्चों को दिया जाता है THR वितरण
  • पोषण ट्रैकर एप्प पर दर्ज होती है जानकारी

कटिहार : आंगनबाड़ी केंद्रों पर क्षेत्र की सभी गर्भवती-धात्री महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ और पोषण का समेकित बाल विकास परियोजना (ICDS) द्वारा ध्यान रखा जाता है। महिलाओं और बच्चों को सम्पूर्ण गुणवत्तापूर्ण पोषण उपलब्ध कराने के लिए मंगलवार को जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में टेक होम राशन (THR) का वितरण किया गया। आंगनबाड़ी केंद्रों में 0 से 6 वर्ष के बच्चों और गर्भवती-धात्री महिलाओं को पर्याप्त सूखा राशन वितरण की जांच के लिए आईसीडीएस जिला एवं प्रखंड अधिकारियों द्वारा विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों का भ्रमण करते हुए लाभार्थियों को मिलने वाले लाभ का निरक्षण किया गया। सभी लाभार्थियों को आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविकाओं द्वारा THR का वितरण करते हुए संबंधित जानकारी पोषण ट्रैकर के एफआरएस के माध्यम से रिपोर्ट किया गया।

हर माह गर्भवती-धात्री महिलाओं और कुपोषित बच्चों को दिया जाता है THR का वितरण :
आईसीडीएस जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (DPO) नीलम कुमारी ने कहा कि गर्भवती-धात्री महिलाओं और नवजात शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उनका सही पोषण सेवन करना आवश्यक है। सही पोषण लेने से ही उनके शरीर का विकास हो सकता है जिससे बच्चे स्वस्थ और तंदुरुस्त रह सकते हैं। इसके लिए हर माह आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती-धात्री महिलाओं, कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को सही पोषण देने के लिए टेक होम राशन का वितरण किया जाता है। इस दौरान सभी को एक माह तक के लिए चावल, दाल, सरसों तेल और सोयाबीन का वितरण किया जाता है। इसका सेवन करने से महिलाओं और बच्चों के शरीर में कमजोरी नहीं होती और होने वाला या जन्म हुआ बच्चा बिल्कुल स्वास्थ और तंदुरुस्त होता है।

डीपीओ (DPO) नीलम कुमारी ने केंद्र जांच के दौरान पोषण ट्रैकर में केंद्र खुलने का समय, बच्चों की उपस्थिति, वजन निगरानी, अतिकुपोषित बच्चों का फॉलोअप, टीएचआर वितरण, सभी पंजी का संधारान, केंद्र पर सभी सामग्री का रख रखाव से संबंधित काफी समय तक गहन जांच की और सभी केंद्र पर सख्त निर्देश दिया गया कि सभी अपने केंद्र से सभी डाटा का इंट्री शत प्रतिशत पोषण ट्रैकर एवं सभी सामग्री का सही उपयोग करते हुए ससमय रिपोर्टिंग करना सुनिश्चित करें।

पोषण ट्रैकर एप्प पर दर्ज होती है जानकारी :
जिला समन्यवक अनमोल गुप्ता ने बताया कि आईसीडीएस (ICDS) के माध्यम से संचालित किए जा रहे सभी कार्यक्रमों को पोषण ट्रैकर एप्प के माध्यम से रिपोर्ट किया जाता है। एप्प के माध्यम से आंगनवाड़ी केंद्रों के पोषक क्षेत्रों में गर्भवती एवं धात्री महिलाओं, शून्य से लेकर तीन वर्ष के बच्चे, 3 से 6 वर्ष के बच्चे स्कूल पूर्व शिक्षा की उपस्थिति, किशोरियों के साथ आंगनवाड़ी के अंतर्गत पोषक क्षेत्र के कुपोषित अति कुपोषित बच्चों की जानकारी और उन्हें मिलने वाले THR वितरण, गृह भ्रमण की जानकारी अपलोड की जाती है ताकि सभी गर्भवती-धात्री महिलाओं और बच्चों का ग्रोथ मॉनिटरिंग आईसीडीएस द्वारा आसानी से किया जा रहा है।
Maurya News18 Katihar.

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