Home खबर सरकार युवाओं की आवाज को दबाना चाहती है : आजसू (AJSU)

सरकार युवाओं की आवाज को दबाना चाहती है : आजसू (AJSU)

  • कानून से सरकार की नियत का पता चलता है, सरकार तानाशाही पर उतर आई है
  • प्रतियोगी परीक्षाओं में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर बिना एफआइआर के जेल में डाल देगी सरकार : नीतीश सिंह

रांची : प्रतियोगिता परीक्षा विधेयक 2023 के विरोध में अखिल झारखंड छात्र संघ (AJSU) ने फिरायालाल चौक पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला फूंका। मौके पर आजसू छात्र संघ के नीरज राम ने इस विधेयक को छात्र विरोधी बताते हुए कहा कि छात्र कदाचार मुक्त परीक्षा तो चाहते हैं लेकिन ये नहीं चाहते कि जब प्रतियोगी परीक्षा में गड़बड़ी हो तो इस कानून के डर से वो आवाज भी न उठा सकें। इस विधेयक के माध्यम से सरकार छात्रों की आवाज को लाठी डंडे के बल पर दबाना चाहती है। छात्रहित के विपरीत आए इस विधेयक का अखिल झारखंड छात्र संघ पुरजोर विरोध करती है। उन्होंने कानून की खामियां बताते हुए कहा कि इस कानून से सरकार छात्र से विरोध करने के हक को छीन रही है। पहले भी राज्य में कई प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठाई है।

नतीजतन, उन परीक्षाओं के परीक्षाफल या नोटिफिकेशन में सुधार, बदलाव यहां तक कि परीक्षा रद भी हुए हैं लेकिन इस विधेयक के लागू होने से अब कोई छात्र किसी भी तरह का विरोध नहीं कर पाएगा। अगर यह कानून कुछ महीने पहले लागू हो जाता तो न जाने कितने छात्र आज जेल में होते। आजसू के नीतीश ने कहा कि सरकार को प्रतियोगी परीक्षा में सीटों के बंदरबांट करने में सुविधा हो और फिर उसके खिलाफ कोई आवाज न उठाए इसलिए यह कानून लाया गया है। अब कोई भी युवा प्रतियोगी परीक्षा में हुई गड़बड़ी के खिलाफ जेल जाने के डर से इंटरनेट मीडिया में भी कुछ नहीं लिख पाएगा। जिस भी विद्यार्थी पर केस दर्ज होगा वो दो साल से पांच साल तक परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएगा और सजा होने पर दस साल तक परीक्षा से दूर कर दिया जाएगा। इस कानून के आने के बाद छात्र को जेल जाने के साथ साथ आर्थिक दंड का भी सामना करना पड़ेगा। कानून से सरकार की युवाओं के प्रति नियत का पता चलता है, सरकार तानाशाही पर उतर आई है। मौके पर नीरज, नीतीश, अभिषेक, राहुल, रोहित, विशाल, प्रवीण, विक्रम, रूपेश, मंजीत के अलावे कई अन्य उपस्थित रहे।

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