– आंदोलन विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के द्वारा उनके 7वें वेतन में वेतन निर्धारण, एसीपी एमएसीपी को लागू करने एवं सरकार से सेवानिवृति की आयु सीमा 62 वर्ष करने से संबंध में है जारी
रांची : सिद्धो कान्हू मुर्मु विश्वविद्यालय (SKMU) में चल रहे विगत एक माह से शांतिपूर्ण आंदोलन को 10 जनवरी की रात चुपके से लगभग 8 बजे पुलिस प्रशासन ने विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ मिलकर विश्वविद्यालय का जबरन ताला तोड़ दिया। यह कार्रवाई दर्शाता है कि पुलिस प्रशासन जो राज्य का प्रतिनिधित्व करता है, वह कर्मचारियों के खिलाफ और विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ है। यह आंदोलन विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के द्वारा उनके 7वें वेतन में वेतन निर्धारण, एसीपी एमएसीपी को लागू करने एवं सरकार से सेवानिवृति की आयु सीमा 62 वर्ष करने से संबंध में जारी था, जिसे वर्तमान में विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के द्वारा विश्वविद्यालय के गेट पर चलाया जा रहा है।
विश्वविद्यालय का जबरन ताला तोड़ने, कर्मचारियों की मांगों को अनदेखा करने एवं आंदोलन को जबरन तोड़ने की साजिश के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन एवं राज्य के पुलिस प्रशासन को झारखंड विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ घोर निंदा करते हुए और आंदोलन के समर्थन में महासंघ की ओर से महामंत्री विश्वम्भर यादव, अध्यक्ष धीरेंद्र कुमार राय, कोल्हान विश्वविद्यालय के प्रक्षेत्रीय अध्यक्ष रमेश चंद्र ठाकुर, कोल्हान विश्वविद्यालय के प्रक्षेत्रीय सचिव चंदन कुमार, रांची विश्वविद्यालय के प्रक्षेत्रीय सचिव सुनील कुमार यादव, महासंघ के उपाध्यक्ष संतोष कुमार, महासंघ के संयुक्त सचिव वेद प्रकाश शुक्ला, सिद्धो कान्हू मुर्मु विश्वविद्यालय के प्रक्षेत्रीय सचिव नेतलाल मुर्मु और विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के रविदास ने चेतावनी देते आह्वान किया कि 15 एवं 16 जनवरी को राज्य के सभी कर्मचारीगण सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे। महासंघ ने राज्य सरकार को चेतावनी देते कहा कर्मचारियों की उचित मांगे नहीं मानी गई तो राज्य के सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे, जिसके जिम्मेदार राज्य सरकार एवं विश्वविद्यालय प्रशासन होंगे।
Maurya News18 Ranchi.