Home खबर कोई भाषण कोई नारा नहीं हूं मैं, समुद्र हूं पर खारा नहीं...

कोई भाषण कोई नारा नहीं हूं मैं, समुद्र हूं पर खारा नहीं हूं मैं”

खगड़िया के कोशी कॉलेज में कवि सम्मेलन

खगड़िया : अखिल भारतीय साहित्य सृजन मंच खगड़िया के बैनर तले राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर जिले के कोशी महाविद्यालय के सभागार में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता मंच की अध्यक्ष साधना भगत ने की। जबकि कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि एवं एवं कोशी महाविद्यालय के प्राचार्य मो० तौफीक मोहसिन ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया।

वहीं कार्यक्रम के संचालन का आगाज़ मंच के संस्थापक सह संयोजक प्रसिद्ध गजल गायक शिव कुमार सुमन ने अपने चिरपरिचित शायराना अंदाज में करते हुए कहा कि “कोई भाषण कोई नारा नहीं हूं मैं, समुद्र हूं पर खारा नहीं हूं मैं”।

कार्यक्रम की शुरुआत में नवोदित कवयित्री शशि कुमारी के सुरीले स्वागत गीत ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। इस कड़ी में हेमलता पटेल, सरिता रानी, प्रीति कुमारी की रचनाओं को भी दर्शकों ने काफी सराहा। संचालन के दूसरे दौर में मंच के उपाध्यक्ष नंदकिशोर सिंह के शायराना आमंत्रण ने कवियों में अक्षय ऊर्जा का संचार किया।

हिंदी की महत्ता पर प्रकाश डालती शिव कुमार सुमन एवं विकास कुमार विधाता जैसे स्थापित गजलकार की ग़ज़ल ने दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर किया। जबकि भागलपुर से अभय कुमार भारती, नवगछिया से प्रभाकर सिंह पूर्णिया से के के चौधरी, मुजफ्फरपुर से मधुकर वनमाली, लक्खीसराय से विनय कुमार सिंह, सहरसा से कृष्ण कुमार क्रान्ति एवं पूर्व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी श्री जयकांत पासवान जैसे अतिथि कवियों की रचनाओं ने श्रोताओं की प्रशंसा बटोरी।

कार्यक्रम के अगले पड़ाव में मंच की कोषाध्यक्ष संगीता चौरसिया के चुटीले शायराना संचालन एवं हिंदी की स्थिति पर चोट करती रचना ने कवियों व श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी। जबकि सह सचिव ज्योति मानव, सुधीर यादव, चम्पा राय, सुमन रवि पोद्दार, मधुबाला,मंच की अध्यक्ष साधना भगत, उपाध्यक्ष सुखनंदन बिहारी, महासचिव कविता परवाना, सचिव आनंद श्रीवास्तव की रचनाओं ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया ।

वहीं कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव पर प्रीति कुमारी के संचालन में संगीता चौरसिया, चन्द्र शेखर मंडल,स्वराक्षी स्वरा एवं मंत्र के शिखर संरक्षक एवं सबसे युवा कवि के रूप सम्मानित अवधेश्वर प्रसाद सिंह की रचनाओं को भी सराहना मिली। कवियों को पुषपमाल, चादर, प्रमाण पत्र,स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया तत्पश्चात शिखर संरक्षक की उद्घोषणा के साथ ही कार्यक्रम की समाप्ति की गई ।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version