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खाने को दो वक्त की रोटी नहीं थी ,वही बेटी बिना कोचिंग के बन गई पुलिस ऑफिसर

महाराष्ट्र सरकार के द्वारा आयोजित महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग की परीक्षा को तेजल आहेर ने पास किया। उसके बाद तेजल आहेर को ‘पुलिस उप निरीक्षक’ का पद मिला। तेजल आहेर ने यह साबित कर दिया कि अगर आपका लक्ष्य निश्चित हो और आपका सारा ध्यान उस लक्ष्य को पाने के लिए हो तो कोई भी बाधा, मुसीबत आपके और आपके लक्ष्य के बीच में कभी नहीं आ सकती।


बेटी ने मांका सपना किया साकार

तेजल आहेर के पिता बताते हैं कि तेजल आहेर की माने बचपन में ही अपनी बेटी के अफसर बनने का सपना देखा था। जब तेजल आहिर का जन्म हुआ था उस समय से ही उनकी मां कहा करती थी कि 1 दिन मेरी बेटी पुलिस अफसर बनकर हमारा नाम रोशन करेगी और उस सपने को तेजल आहेर ने सच साबित कर दिया। अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के 15 महीने बाद जब तेजल वापस अपने घर आई, तो उनके शरीर पर पुलिस की वर्दी और कंधे पर लगे स्टार को देखकर मां के साथ साथ पूरा परिवार भावुक हो गया, पिता के आंखों में आंसू आ गए और गर्व से सीना चौड़ा हो गया।

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