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बच्चों में पढ़ने की रूचि विकसित करने और पठन पाठन की जागरूकता बढ़ाने को शुरू हुआ ‘रीडिंग कैंपेन’

– रीडिंग कैंपेन से संबंधित रीडिंग मोबाइल वैन को राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने किया रवाना

– 14 दिनों तक कैंपेन के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों का होगा आयोजन

– 3 सितंबर को पूर्वाह्न 11 बजे से 11:30 बजे तक होगा रीड ए थान

रांची : झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अंतर्गत झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा यूनिसेफ IPEL एवं रूम टू रीड इंडिया के सहयोग से 27 अगस्त से 9 सितंबर तक रीडिंग कैंपेन का आयोजन किया जा रहा है। विभाग द्वारा आयोजित इस अभियान बच्चों में पढ़ने के प्रति रुचि विकसित करने, समुदाय एवं अभिभावकों को बच्चों के पठन-पाठन से जोड़ने एवं बच्चों के लिए उपलब्ध बाल साहित्य के प्रति सभी को जागरूक करना है। 14 दिनों तक चलने वाले इस अभियान में प्रत्येक दिन स्कूल स्तर की गतिविधि निर्धारित की गई है जिसे शिक्षकों द्वारा बच्चों और समुदाय के सहयोग एवं प्रतिभागिता से किया जाना है।  राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने इस अभियान से संबंधित रीडिंग मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह मोबाइल लाइब्रेरी वैन स्कूलों में जाएंगी, जहां बच्चों के साथ विभिन्न तरह की पठन पाठन की गतिविधियां की जाएगी। रीडिंग कैंपेन के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान आदित्य रंजन ने प्रारंभिक अवस्था से ही पठन की आदत विकसित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक अवस्था से पढ़ने की आदत विकसित करना न केवल बच्चों को उनकी शैक्षणिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है, बल्कि उनके समग्र विकास में भी सहायक होता है।

3 सितंबर को रीड-ए-थॉन का आयोजन :
3 सितंबर को पूर्वाह्न 11 से 11:30 बजे तक रीड-ए-थॉन का आयोजन किया जाएगा। रीड अ थोन के दौरान बच्चे, शिक्षक, पदाधिकारी, समुदाय द्वारा अलग अलग जगहों पर कताबें पढ़ी जाएगी। 9 सितंबर को इस राज्य स्तर पर सेमिनार आयोजित कर इसका समापन किया जाएगा। समापन कार्यक्रम में कैंपेन की उपलब्धियों एवं आगे की कार्ययोजनाओं पर चर्चा की जाएगी।

पढ़ने के महत्व और इसके प्रति रूचि बढ़ाने के लिए कैंपेन महत्वपूर्ण :
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (गुणवत्त शिक्षा) डॉ अभिनव कुमार ने पढ़ने की महत्ता एवं बच्चों में इसके प्रति रुचि बढ़ाने के दृष्टिकोण से इस कैम्पेन को महत्वपूर्ण मानते हुए कहा कि इस कैम्पेन की गतिविधियों में न केवल शिक्षक और बच्चे बल्कि समुदाय के लोग भी इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें। सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों फेसबुक एवं एक्स के जरिए भी इस कैम्पेन का व्यापक प्रसार प्रचार किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इस कैम्पेन की गतिविधियों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें।

नियमित पठन से बच्चो की भाषा और शब्दावली के साथ साथ कल्पनाशीलता का भी होता है विकास :
कार्यक्रम में मौजूद यूनिसेफ की एजुकेशन स्पेसिलिस्ट पारुल शर्मा ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा बच्चो के भविष्य की सफलता की नींव रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह केवल पढ़ाई तक ही सीमित नहीं रहती, बल्कि इसमें परस्पर संबंध, सहयोग और भावनात्मक नियंत्रण जैसे जरूरी जीवन कौशलों का भी विकास होता है। इस रीडिंग कैंपेन के माध्यम से हम चाहते है कि बच्चों को किताबें पढने का भरपूर मौका मिले। नियमित रूप से पुस्तकें पढ़ना बच्चों के मानसिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल उनकी भाषा और शब्दावली को समृद्ध करता है, बल्कि उनकी सोचने की क्षमता और कल्पनाशीलता को भी बढ़ाता है। इसके अलावा, किताबें पढ़ने से बच्चों में आत्मविश्वास और समझने की क्षमता में वृद्धि होती है।

ये हैं कैम्पेन की मुख्य गतिविधियां :

  • कक्षा में पुस्तकालय संवर्द्धन : शिक्षक विद्यालय बाल साहित्य की किताबें, पंख पत्रिकाएँ, रीडिंग कार्ड्स, कहानी/ कविता चार्ट को पुस्तकालय में व्यवस्थित करके रखेंगे और बच्चों को पुस्तकालय आकर अपने पसंद की किताबें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
  • प्रतिज्ञा पठन (प्लेज रीडिंग) एवं कहानी कथन : यह सत्र बच्चों को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने का एक प्रयास है। स्थानीय लोगों द्वारा अपनी पारंपरिक लोक कथाओं और कहानियों को अपनी भाषा में साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • अभिनय और नाटक : बच्चों द्वारा पढ़ी गई कहानियों के आधार पर उन्हें छोटे-छोटे नाटक तैयार करने को कहा जायेगा, जिससे उनकी कल्पनाशीलता और अभिव्यक्ति की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।
  • समझ के साथ पढ़ने से जुड़े खेल : बच्चों को ऐसे खेलों से जोड़ना जो उन्हें कहानी-मानचित्रण और चरित्र विश्लेषण जैसे पढ़ने की समझ कौशल के विस्तार करने में मदद करेगा।
  • ड्राइंग और पेंटिंग : बच्चे अपनी पसंदीदा कहानी की किताबों से चित्र बनाएंगे। शिक्षक बच्चों से कहानी की किताबों और पोस्टर में बने चित्रों पर बातचीत करेंगे और उनकी पसंदीदा किताबों से चित्र बनाने को प्रोत्साहित करेंगे।
  • रीड-ए-थॉन : रीड-ए-थॉन का आयोजन 3 सितंबर को पूर्वाह्न 11 बजे से 11:30 बजे तक किया जाएगा। इसमें सभी प्रतिभागी एक तय समय पर अलग अलग जगहों पर एक साथ पढ़ते है।
  • परिवार के साथ पढ़ना : माता-पिता विद्यालय में बच्चों के साथ बाल साहित्य, कविता/ कहानी पोस्टर, रीडिंग कार्ड्स पढ़ेंगे। इससे घरों में भी पढ़ने की संस्कृति समृद्ध होती है।
  • राज्य स्तरीय सेमिनार : राज्य स्तर पर अग्रणी संस्थानों और विश्वविद्यालयों के सहयोग से प्रारंभिक शिक्षा सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। सेमिनार का उद्देश्य पंद्रह दिनों तक चले रीडिंग कैम्पेन में आयोजित गतिविधियों के बेहतर प्रयासों का साझाकरण एवं शिक्षा से जुड़े हितधारकों-शिक्षका, स्वयं सेवी संस्थाओं एवं नीति निर्माताओं द्वारा प्रारम्भिक स्तर पर भाषा शिक्षण के लिए आगे की कार्ययोजना पर विचार करना है।

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