- आंगनबाड़ी केंद्रों में गोदभराई और स्तनपान सप्ताह का हुआ आयोजन
- नवजात शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए गर्भवती महिलाओं को किया गया जागरूक

कटिहार : गुरुवार को कटिहार जिला अंतर्गत सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर विशेष समुदाय आधारित गतिविधि गोदभराई सह स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आंगनबाड़ी सेविका एवं महिला पर्यवेक्षिका द्वारा गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं के पोषण और स्वास्थ्य, स्तनपान, बच्चों के ऊपरी आहार इत्यादि पर समुदाय के महिलाओं का ज्ञानवर्द्धन किया गया। कार्यक्रम में सेविका द्वारा स्वयं रचित गीत द्वारा जनसमुदाय को पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधित जानकारी दी गई।
विशेष समुदाय आधारित गतिविधि का हुआ आयोजन :
जिले में आईसीडीएस जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (DPO) नीलम कुमारी के निर्देश के आलोक में जिला अंतर्गत सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्तनपान के महत्व को समेकित करते हुए विशेष समुदाय आधारित गतिविधि के माध्यम से समुदाय को जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। DPO नीलम कुमारी ने स्तनपान को महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्तनपान एक प्राकृतिक और स्वास्थ्यवर्धक तरीका है जिससे माताएं अपने शिशुओं को पोषण प्रदान कर सकती हैं।
स्तनपान शिशु को सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है, जैसे कि प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और मिनरल्स। इससे शिशु स्वास्थ्य और तंदुरुस्त रहते हैं। छह माह तक केवल स्तनपान कराने और छह माह बाद से स्तनपान कराने के साथ साथ अतिरिक्त पौष्टिक आहार का सेवन कराने से शिशुओं के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है और भविष्य में नवजात शिशु बिल्कुल स्वास्थ्य और तंदुरुस्त रहते हैं।
स्तनपान शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में करता है मदद :
राष्ट्रीय पोषण अभियान के जिला समन्वयक अनमोल गुप्ता द्वारा बताया गया कि स्तनपान शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है, जिससे वह बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है। स्तनपान माता और शिशु के बीच भावनात्मक बंधन को मजबूत बनाने में मदद करता है। स्तनपान के लिए सही स्थिति में बैठना महत्वपूर्ण है। माता को आराम से बैठना चाहिए और शिशु को अपने सीने से लगाना चाहिए। शिशु का मुंह स्तन के चारों ओर अच्छी तरह से होना चाहिए, जिससे वह दूध पी सके।
स्तनपान के दौरान दर्द होना आम बात है, लेकिन यह आमतौर पर समय के साथ ठीक हो जाता है। कुछ माताओं को दूध की कमी का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन यह आमतौर पर आहार और तरल पदार्थ के सेवन से ठीक हो जाता है। नियमित स्तनपान शिशु को पर्याप्त पोषण प्रदान करने में मदद करता है। माता को स्वस्थ आहार लेना चाहिए जिसमें पर्याप्त पोषक तत्व हों। माता को पर्याप्त तरल पदार्थ पीना चाहिए ताकि दूध का उत्पादन बढ़ सके। स्तनपान एक प्राकृतिक और स्वास्थ्यवर्द्धक तरीका है जिससे माताएं अपने शिशुओं को पोषण प्रदान कर सकती हैं। यदि आपको स्तनपान के दौरान कोई समस्या आती है, तो आप अपने डॉक्टर या स्तनपान सलाहकार से संपर्क कर सकती हैं।
Maurya News18 Katihar.