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Bihar Election: लोकतंत्र पर सवाल — भरोसा किस पर?

&NewLine;<p><strong>लोकतंत्र पर सवाल — भरोसा किस पर&quest;<&sol;strong><br><strong>लोकतंत्र के महापर्व में सच्चे उम्मीदवारों की पुकार<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>आलेख<&sol;strong> । <&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>आज जब चुनावी रणभेरी बज चुकी है&comma; तब सबसे बड़ी चुनौती है — सच्चे&comma; दयालु&comma; अभिमान-शून्य&comma; परोपकारी और सच्चे लोगों को राजनीति में आगे लाना।<br>दुर्भाग्य यह है कि ऐसे गुणी लोग राजनीति से दूर रहना पसंद करते हैं। उन्हें लगता है कि अब राजनीति सेवा नहीं&comma; स्वार्थ का अखाड़ा बन गई है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<figure class&equals;"wp-block-image size-large"><img src&equals;"https&colon;&sol;&sol;mauryanews18&period;com&sol;wp-content&sol;uploads&sol;2025&sol;10&sol;img-20251009-wa00084237460333249106946-229x300&period;jpg" alt&equals;"" class&equals;"wp-image-4632"&sol;><&sol;figure>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>लेकिन अब यही सोच बदलनी होगी।<br>देश आज भी जिनके सहारे चल रहा है&comma; वे यही गुणी और निःस्वार्थ लोग हैं — जिनमें अनेक सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं।<br>भ्रष्टाचार हर स्तर पर कैंसर की तरह फैल चुका है&comma; परंतु अगर ऐसे सच्चे&comma; कर्मनिष्ठ और परोपकारी लोग अपने-अपने स्तर पर न लगे रहते&comma;<br>तो देश की जो भी विकास यात्रा आज दिखाई दे रही है&comma; वह रुक चुकी होती।<br>दरअसल&comma; ऐसे गुणी लोगों के बदौलत ही देश आज तक टिका हुआ है&comma;<br>अन्यथा यह राष्ट्र कब का रसातल में जा चुका होता।<br>विकास की यह धीमी रफ्तार भी इन्हीं ईमानदार लोगों के बल पर संभव है।<br>यदि ऐसे गुणी और सच्चे लोग राजनीति में सक्रिय रूप से बने रहते&comma;<br>तो आज विकास की यह धीमी चाल तेज़ रफ्तार में बदल चुकी होती&comma;<br>भारत पुनः &OpenCurlyQuote;विश्व गुरु’ बन गया होता&comma;<br>और हर वर्ष विभिन्न क्षेत्रों में हमारे देश के लोग नोबल पुरस्कार प्राप्त कर रहे होते।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>अब प्रश्न यह है —<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<figure class&equals;"wp-block-image size-large"><img src&equals;"https&colon;&sol;&sol;mauryanews18&period;com&sol;wp-content&sol;uploads&sol;2025&sol;10&sol;img-20251007-wa00891548793816061383775-786x1024&period;jpg" alt&equals;"" class&equals;"wp-image-4633"&sol;><&sol;figure>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><br>क्या घन-बल&comma; बाहु-बल और पैसे के सहारे खड़े हुए नेता वास्तव में भ्रष्टाचार मिटा सकते हैं&quest;<br>कितने विधायक हैं जो अपने विधायक फंड में कमीशन नहीं लेते&quest;<br>कितने नेता चुनाव जीतने के बाद लिखित में देंगे कि &OpenCurlyDoubleQuote;मैं किसी योजना में कमीशन नहीं लूंगा”&quest;<br>दुर्भाग्य से&comma; ऐसी गारंटी कोई राजनीतिक दल भी नहीं दे रहा है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>अब वक्त है कि जनता और समाज मिलकर ऐसा विजन और माहौल तैयार करें —<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>जिसमें सच्चे और निःस्वार्थ लोग राजनीति में आने को प्रेरित हों।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>दलों पर दबाव बने कि वे टिकट केवल ईमानदार और सेवा-भावी लोगों को दें। और जनता ऐसे उम्मीदवारों को प्राथमिकता दे&comma; जो चरित्र और कर्तव्य से मजबूत हों&comma; न कि धन और प्रचार से।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>राजनीति धंधा या व्यवसाय नहीं है&comma; बल्कि समाजसेवा और देशसेवा का माध्यम है।<br &sol;>समाजसेवा करने के लिए टिकट की होड़ में शामिल होने वाले या टिकट खरीदने वाले उम्मीदवार से<br &sol;>क्या हम बेहतर शासन प्रणाली की उम्मीद कर सकते हैं&quest;<br &sol;>अगर राजनीति सेवा नहीं&comma; बल्कि सौदेबाज़ी बन गई&comma; तो लोकतंत्र का नैतिक आधार ही टूट जाएगा।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>विधानसभा चुनाव 2025 केवल सत्ता परिवर्तन का नहीं&comma;<br &sol;>बल्कि लोकतंत्र के आत्मशुद्धि और सदाचार के पुनर्जागरण का अवसर है।<br &sol;>जब सच्चे लोग आगे आएंगे&comma; जनता उनका साथ देगी<br &sol;>तभी भ्रष्टाचार मिटेगा और लोकतंत्र मजबूत बनेगा।”<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>अमरीष कुमार<&sol;strong><br><strong>सामाजिक चिंतक<&sol;strong>&comma; <strong>खगड़िया&comma; बिहार<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;

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