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कई जिलों में 40% लड़कियों की शादी 18 वर्ष की आयु से पहले हो जाती है : डॉ अनंत कुमार

  • एक्सआईएसएस में किशोर प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य तथा डिजिटल वकालत पर कार्यशाला

रांची : जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस (XISS Ranchi) रांची ने पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएफआई) नई दिल्ली के सहयोग से संस्थान में 2-3 अगस्त 2024 को किशोर प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य (अर्श) तथा समुदाय की आवाज को बढ़ाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग पर डेढ़-दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। रूरल मैनेजमेंट कार्यक्रम के प्रमुख डॉ अनंत कुमार ने पीएफआई टीम का स्वागत किया तथा राज्य में किशोर प्रजनन स्वास्थ्य को संबोधित करने के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि जहां प्रजनन दर अधिक है, तो वहीं कई जिलों में 40% लड़कियों की शादी 18 वर्ष की आयु से पहले हो जाती है। उन्होंने प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य तथा स्वच्छता के पक्ष में सिफारिश की आवश्यकता पर जोर दिया। जिसमें उपचारात्मक, निवारक तथा प्रोत्साहनकारी स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित किया गया। एक्सआईएसएस के डीन अकादमिक डॉ अमर ई. तिग्गा ने देश में किशोर स्वास्थ्य सेवा की वस्तुस्थिति से सबको अवगत कराया और ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों की बात की, जहां खेल और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने ग्रामीण प्रबंधन के छात्रों को कार्यशाला में सीखी गई बातों को सामाजिक लाभ के लिए लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया। संस्थान की असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ राजश्री वर्मा ने कार्यशाला की आवश्यकता और उद्देश्यों के बारे में बताया।

पीएफआई की एसोसिएट लीड रिया ठाकुर ने कार्यशाला की शुरुआत की। उसके बाद प्रमुख मील के पत्थर और भावनात्मक मानचित्रण सत्र हुए और सहमति और प्रजनन अधिकारों पर चर्चा हुई। शिवांगी त्रिपाठी, शौविक और नीलांशु कुमार ने स्नेहएआई के उपयोगों पर चर्चा की। जो किशोरों को सशक्त और संरक्षित करने का एक उपकरण है और अर्श के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए छात्रों को गतिविधियों में शामिल किया। शामिल विषयों में सेक्स, जेंडर, सेक्सुअलिटी और कंसेंट शामिल थी। जिसमें कंसेंट को स्वतंत्र रूप से दिए जाने और रद्द करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। कार्यशाला में गर्भाधान, गर्भनिरोधक और राष्ट्रीय किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम पर भी चर्चा की गई। इसके उद्देश्यों और कार्यान्वयन का विवरण दिया गया। दूसरे दिन रिया ने रणनीतिक जुड़ाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अवसर मौजूद हैं लेकिन उन तक की पहुंच असमान है। उन्होंने प्रभावी सरकारी हस्तक्षेप के लिए चार महत्वपूर्ण पहलुओं को रेखांकित किया जिसमें आवश्यकता, साक्ष्य, संसाधन और प्रभाव शामिल है। कार्यशाला का समापन छात्रों के कई सवालों और धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। कार्यक्रम का समन्वय डॉ राजश्री वर्मा ने किया।

Maurya News18 Ranchi.

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