Home खबर CUJ Ranchi के दो सहायक प्रोफेसर विश्व के शीर्ष 2% प्रतिशत वैज्ञानिकों...

CUJ Ranchi के दो सहायक प्रोफेसर विश्व के शीर्ष 2% प्रतिशत वैज्ञानिकों में हुए शामिल

&NewLine;<figure class&equals;"wp-block-gallery has-nested-images columns-default is-cropped wp-block-gallery-1 is-layout-flex wp-block-gallery-is-layout-flex">&NewLine;<figure class&equals;"wp-block-image size-large"><img data-id&equals;"580" src&equals;"https&colon;&sol;&sol;mauryanewslive18&period;files&period;wordpress&period;com&sol;2023&sol;11&sol;faab0-screenshot&lowbar;20221016-2318092&period;png" alt&equals;"" class&equals;"wp-image-580" &sol;><&sol;figure>&NewLine;<&sol;figure>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के विकास में उनका योगदान जारी रहेगा &colon; कुलपति<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>रांची &colon; <&sol;strong>सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड की उपलब्धियों में एक और अध्याय जुड़ गया है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा तैयार एल्सेवियर द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में सीयूजे रांची के डॉ भास्कर सिंह और डॉ सचिन कुमार को विश्व के शीर्ष 2 प्रतिशत विज्ञानियों में शामिल किया गया है। डॉ भास्कर सिंह पर्यावरण विज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं और डॉ सचिन कुमार सीयूजे रांची के ऊर्जा इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। दोनों शोधकर्ताओं का नाम हाल ही में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की 10 अक्टूबर को एल्सेवियर द्वारा प्रकाशित विश्व के शीर्ष 2 प्रतिशत विज्ञानियों की सूची में शामिल किया गया है। स्टैनफोर्ड एल्सेवियर रिपोर्ट के अनुसार 01 लाख से अधिक शीर्ष-विज्ञानियों का सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटाबेस बनाया गया है। शीर्ष 2 प्रतिशत विज्ञानियों के लिए दो सूचियां तैयार की गई हैं। पहली सूची करियर के लंबे आंकड़ों पर आधारित है और दूसरी सूची एक साल के प्रभाव पर आधारित है। वहीं सीयूजे के कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास ने दोनों शोधकर्ताओं को बधाई दी है। कहा है कि झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के विकास में उनका योगदान जारी रहेगा।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>दूसरी बार सूची में शामिल हुए डॉ भास्कर &colon;<br>ऊर्जा &lpar;उप-क्षेत्र-1&rpar; और पर्यावरण &lpar;उप-क्षेत्र-2&rpar; विषय में लगातार दूसरे वर्ष दूसरी सूची में डॉ भास्कर सिंह का नाम है। डॉ सचिन कुमार ऊर्जा &lpar;उप-क्षेत्र-1&rpar; और जैव प्रौद्योगिकी &lpar;उप-क्षेत्र-2&rpar; विषय में एकल वर्ष प्रभाव सूची में पहली बार उपस्थित हुए।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<figure class&equals;"wp-block-gallery has-nested-images columns-default is-cropped wp-block-gallery-2 is-layout-flex wp-block-gallery-is-layout-flex">&NewLine;<figure class&equals;"wp-block-image size-large"><img data-id&equals;"578" src&equals;"https&colon;&sol;&sol;mauryanewslive18&period;files&period;wordpress&period;com&sol;2023&sol;11&sol;71f79-img-20221014-wa0008&period;jpg" alt&equals;"" class&equals;"wp-image-578" &sol;><&sol;figure>&NewLine;<&sol;figure>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><br>डॉ भास्कर सिंह बायोडीजल विकास की विभिन्न पहलुओं के क्षेत्र में काम करते हैं और अन्य समकालीन पर्यावरणीय मुद्दों को संबोधित करते हैं। स्कोप्स डेटा के अनुसार डॉ भास्कर सिंह के 81 प्रकाशन हैं। जिनमें 4530 उद्धरण हैं और उनके लेखों का वर्तमान एच-इंडेक्स 29 है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<figure class&equals;"wp-block-gallery has-nested-images columns-default is-cropped wp-block-gallery-3 is-layout-flex wp-block-gallery-is-layout-flex">&NewLine;<figure class&equals;"wp-block-image size-large"><img data-id&equals;"579" src&equals;"https&colon;&sol;&sol;mauryanewslive18&period;files&period;wordpress&period;com&sol;2023&sol;11&sol;3dcae-img-20221014-wa0007&period;jpg&quest;w&equals;946&&num;038&semi;h&equals;1024" alt&equals;"" class&equals;"wp-image-579" &sol;><&sol;figure>&NewLine;<&sol;figure>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><br>डॉ सचिन कुमार अपशिष्ट मूल्य निर्धारण के क्षेत्र में काम करते हैं और ऊर्जा से संबंधित अन्य मुद्दों की खोज करते हैं। स्कोप्स डेटा के अनुसार डॉ सचिन कुमार के 33 प्रकाशन हैं। जिनमें 1182 उद्धरण हैं और उनके लेखों का वर्तमान एच-इंडेक्स 16 है।<&sol;p>&NewLine;

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version