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समान काम समान वेतन की मांग को ले आक्रोशित अतिथि शिक्षकों (Guest Faculty) ने की तालाबंदी

रांची यूनिवर्सिटी (Ranchi University) के दोनों मुख्य गेट को बंद कर जड़ा ताला, पिछले छह माह के वेतन समेत अन्य मांगों को लेकर अतिथि शिक्षक उग्र दिखे

रांची : रांची यूनिवर्सिटी (Ranchi University) में वेतन विसंगति को लेकर गतिरोध तेज हो चुका है। समान काम के बदले समान वेतन को लेकर अतिथि शिक्षकों के विरोध का स्वर तेज हो चुका है। आरयू के दोनों मुख्य गेट को बंद कर अतिथि शिक्षकों ने ताला जड़ दिया। जिसके बाद न तो कोई अंदर से बाहर और न ही बाहर से अंदर ही जा पा रहे थे। बता दें कि पिछले छह माह के वेतन समेत अन्य मांगों को लेकर अतिथि शिक्षक उग्र दिखे। सभी शिक्षक अपनी मांग को लेकर उग्र दिखे और ताला जड़ने के बाद मेन गेट पर ही धरने पर बैठ गए। करीब 100 से अधिक संख्या में आए अतिथि शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। गेट पर ताला लगा देने के कारण सीसीडीसी डा. प्रकाश कुमार झा और डीएसडब्ल्यू डा. सुदेश कुमार साहू समेत अन्य शिक्षक व कर्मचारी अंदर फंस गए। वहीं कई छात्र छात्राएं भी गेट बंद होने के कारण बाहर नहीं निकल पाए। जिससे उन्हें काफी परेशानी हुई। दरअसल सभी अतिथि शिक्षक कुलपति डा. अजीत कुमार सिन्हा और रजिस्ट्रार डा. एमसी मेहता से मिलने आरयू मुख्यालय पहुंचे थे। लेकिन दोनों पदाधिकारी वहां मौजूद नहीं थे। करीब डेढ़ घंटे तक इंतजार करने के बाद भी जब दोनों पदाधिकारी नहीं पहुंचे तो आक्रोशित होकर अतिथि शिक्षकों ने ने स्टेट लाइब्रेरी के सामने वाले गेट में ताला जड़ दिया और बाहर धरना पर बैठ गए।

दो घंटे तक काम रहा ठप :
अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन के कारण युनिवर्सिटी कार्यालय में करीब दो घंटे तक कामकाज ठप रहा। रांची युनिवर्सिटी परिसर के अंदर एक बैंक भी है, जहां छात्र छात्राओं के साथ-साथ आमजनों का भी आना जाना लगा रहता है। लेकिन गेट बंद होने के कारण सबको परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने कहा कि राज्य सरकार ने कालेजों और सभी युनिवर्सिटी में कार्यरत कक्षा आधारित शिक्षकों के मानदेय को बढ़ाकर प्रतिमाह 57,700 रुपये कर दिया है लेकिन अभी तक आरयू प्रशासन सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के इस निर्णय को लागू करने को लेकर ऊहापोह की स्थिति में है। बताया गया कि एचआरडी का यह निर्णय 10 मई को आया था और तब से लेकर अब तक करीब 4 माह हो गए लेकिन उन्हें लाभ नहीं दिया गया है। आरयू प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण अतिथि शिक्षकों को सरकार के निर्णय का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

कक्षा आधारित शिक्षकों के कंधों पर टिकी है शिक्षण व्यवस्था :
झारखंड की पूरी उच्च शिक्षा व्यवस्था कक्षा आधारित शिक्षकों के कंधों पर टिकी है। रांची युनिवर्सिटी के कई कालेजों के  कई विभागों ऐसे हैं जहां केवल अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही पठन पाठन का कार्य टिका है। कक्षाओं के संचालन से लेकर परीक्षा वीक्षण, उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन, नामांकन कार्य, कालेज व युनिवर्सिटी में विभिन्न प्रकार के शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कार्य, नैक ग्रेडिंग के लिए कालेज व युनिवर्सिटी में विभिन्न प्रकार के दायित्वों का निर्वहन समेत अन्य कार्य इन्हीं अतिथि शिक्षकों के कंधों पर है। कुछ ऐसे भी अतिथि शिक्षक हैं जो आरयू के दीक्षा समारोह की स्मारिका के प्रकाशन मंडल में भी रह चुके हैं। कक्षा आधारित अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा जब निर्णय लिया गया है तो आखिर क्या कारण है कि आरयू प्रशासन अब तक इस दिशा में कदम नहीं उठा रहा है, यह समझ से परे है।

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