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BIT Mesra में प्रतिभागियों को कार्यशाला में नई विधियों का व्यावहारिक अनुभव हुआ प्राप्त, जाने क्या…

&NewLine;<ul class&equals;"wp-block-list">&NewLine;<li>बीआइटी मेसरा में दो दिवसीय कार्यशाला माडर्न टूल्स एंड टेक्नीक्स फार सरफेस माडिफिकेशन का हुआ आयोजन<&sol;li>&NewLine;<&sol;ul>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<figure class&equals;"wp-block-image size-large"><img src&equals;"https&colon;&sol;&sol;mauryanews18&period;com&sol;wp-content&sol;uploads&sol;2025&sol;09&sol;1000036108-1024x577&period;jpg" alt&equals;"" class&equals;"wp-image-4455"&sol;><&sol;figure>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>रांची &colon;<&sol;strong> बीआईटी मेसरा &lpar;BIT Mesra&rpar; के भौतिकी विभाग में 15 से 16 सितंबर को एएनआरएफ एसईआरबी &lpar;ANRF-SERB&rpar; प्रायोजित आधुनिक उपकरण और सर्फेस संशोधन तकनीकें विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला में सर्फेस इंजीनियरिंग की नवीनतम तकनीकों जैसे आरएफ स्पटरिंग&comma; आरएफ डीसी को-स्पटरिंग&comma; एटमॉस्फेरिक प्लाज्मा ट्रीटमेंट और प्लाज्मा नाइट्राइडिंग पर केंद्रित विशेषज्ञ व्याख्यान और प्रायोगिक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए&comma; जिससे प्रतिभागियों को नई विधियों का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन डीन आफ फैकल्टी अफेयर्स एवं कार्यवाहक कुलपति प्रो&period; अशोक शरण&comma; मुख्य अतिथि प्रो&period; राजू पोद्दार &lpar;डीआरआइई&rpar;&comma; चेयरपर्सन डा&period; राजीव कुमार सिन्हा &lpar;विभागाध्यक्ष&rpar; और संयोजक डा&period; सनत कुमार मुखर्जी द्वारा किया गया। <&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<figure class&equals;"wp-block-image size-large"><img src&equals;"https&colon;&sol;&sol;mauryanews18&period;com&sol;wp-content&sol;uploads&sol;2025&sol;09&sol;1000036111-1024x614&period;jpg" alt&equals;"" class&equals;"wp-image-4456"&sol;><&sol;figure>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>दो दिनों तक चले कार्यक्रम में डा&period; गायत्री पाल&comma; प्रो&period; एसके सिन्हा&comma; डा&period; अर्कादेब मुखोपाध्याय&comma; डा&period; बप्पा अचरजी व डा&period; ऋषि शर्मा ने प्रतिभागियों को थिन फिल्म ग्रोथ&comma; सर्फेस सक्रियण&comma; एक्स-रे डिफ्रेक्शन&comma; एफईएसईएम&comma; मैग्नेट्रान स्पटरिंग&comma; प्लाज्मा नाइट्राइडिंग एवं इलेक्ट्रालिस कोटिंग जैसी अत्याधुनिक उपकरणों पर व्याख्यान और हैंड्स-आन प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला में विभिन्न क्षेत्रीय संस्थानों जैसे ट्रिपल आइटी रांची&comma; रांची युनिवर्सिटी&comma; संत जेवियर्स कालेज समेत अनेक जगहों से आए शोधकर्ता&comma; फैकल्टी सदस्य इत्यादि प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यशाला शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों के लिए सर्फेस संशोधन एवं मटेरियल साइंस क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों की समझ को बेहतर बनाने एवं नए शोध की दिशा में महत्वपूर्ण रही। भौतिकी विभाग का यह पहल संस्थान के रिसर्च एवं इनोवेशन प्रयासों को सशक्त करता है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>Maurya News18 Ranchi&period;<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;

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