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GST : इनपुट टैक्स क्रेडिट में यदि कोई भूल हुई हो तो जीएसटी एनुअल रिटर्न में दिखाना चाहिए…

&NewLine;<figure class&equals;"wp-block-gallery has-nested-images columns-default is-cropped wp-block-gallery-1 is-layout-flex wp-block-gallery-is-layout-flex">&NewLine;<figure class&equals;"wp-block-image size-large"><img data-id&equals;"900" src&equals;"https&colon;&sol;&sol;mauryanewslive18&period;files&period;wordpress&period;com&sol;2023&sol;11&sol;36b74-img-20221225-wa0099&period;jpg&quest;w&equals;1024&&num;038&semi;h&equals;683" alt&equals;"" class&equals;"wp-image-900" &sol;><&sol;figure>&NewLine;<&sol;figure>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<ul class&equals;"wp-block-list">&NewLine;<li>जीएसटी एनुअल रिटर्न और ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट से संबंधित जीएसटी के प्रावधानों विषय पर सेमिनार का आयोजन<&sol;li>&NewLine;<&sol;ul>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>रांची<&sol;strong> &colon; द इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स आफ इंडिया रांची शाखा में जीएसटी एनुअल रिटर्न एवं ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट से संबंधित जीएसटी के प्रावधानों…विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में विशेषज्ञ वक्ताओं और पूरे झारखंड से 250 से भी ज्यादा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का स्वागत करते हुए इंस्टीट्यूट के रांची शाखा अध्यक्ष सीए प्रभात कुमार ने कहा कि हाल में जीएसटी एनुअल रिटर्न से संबंधित प्रावधान में कुछ बदलाव हुए हैं। जीएसटी संबंधित ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट में भी बहुत प्रावधानों को लेकर कुछ जटिलताएं हैं। सेमिनार के पहले सत्र में जीएसटी एनुअल रिटर्न और बदलावों…विषय पर परिचर्चा करते हुए कानपुर के विशेषज्ञ सीए हिमांशु सिंह ने कहा कि इनपुट टैक्स क्रेडिट में यदि कोई भूल हुई हो तो हमें जीएसटी एनुअल रिटर्न में दिखाना चाहिए। साथ ही इस बार एनुअल रिटर्न में बी2बी सेल्स के लिए एचएसएन कोड देना आवश्यक है। साथ ही विशेषज्ञ ने जीएसटी एनुअल रिटर्न से संबंधित फार्म &&num;8211&semi; 9सी से संबंधित हर कालम से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<figure class&equals;"wp-block-gallery has-nested-images columns-default is-cropped wp-block-gallery-2 is-layout-flex wp-block-gallery-is-layout-flex">&NewLine;<figure class&equals;"wp-block-image size-large"><img data-id&equals;"902" src&equals;"https&colon;&sol;&sol;mauryanewslive18&period;files&period;wordpress&period;com&sol;2023&sol;11&sol;2b127-img-20221225-wa0097&period;jpg&quest;w&equals;1024&&num;038&semi;h&equals;683" alt&equals;"" class&equals;"wp-image-902" &sol;><&sol;figure>&NewLine;<&sol;figure>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>संयुक्त विकास समझौता पर चर्चा <&sol;strong><br>सेमिनार के दूसरे सत्र में जीएसटी के अधीन संयुक्त विकास समझौता &lpar;ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट&rpar; पर परिचर्चा करते हुए कानपुर के ही विशेषज्ञ सीए आशीष बंसल ने बताया कि जमीन मालिक और रियल एस्टेट डेवलपर के बीच जमीन मालिक की भूमि पर एक नई इमारत और अन्य चीजों का निर्माण के लिए एक अनुबंध है। यह अनुबंध क्षेत्र साझाकरण संयुक्त विकास समझौता और राजस्व साझाकरण संयुक्त विकास समझौता हो सकते हैं। जब एक डेवलपर संयुक्त विकास समझौते &lpar;जेडीए&rpar; का उपयोग कर भूमि मालिक के साथ अनुबंध में आता है&comma; जीएसटी उस समय भूमि के मालिक द्वारा देय होगा जब डेवलपर आवंटन पत्र पर हस्ताक्षर कर भूमि मालिक को अधिकार या कब्जा वापस कर देता है। कुछ समय बाद भूस्वामी को अपनी भूमि बदले में उसे एक निर्मित संपत्ति प्राप्त हो जाती है&comma; तो ऐसी स्थिति में भूस्वामी भूस्वामियों के हिस्से पर जीएसटी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<figure class&equals;"wp-block-gallery has-nested-images columns-default is-cropped wp-block-gallery-3 is-layout-flex wp-block-gallery-is-layout-flex">&NewLine;<figure class&equals;"wp-block-image size-large"><img data-id&equals;"903" src&equals;"https&colon;&sol;&sol;mauryanewslive18&period;files&period;wordpress&period;com&sol;2023&sol;11&sol;59ac1-img-20221225-wa0098&period;jpg&quest;w&equals;1024&&num;038&semi;h&equals;683" alt&equals;"" class&equals;"wp-image-903" &sol;><&sol;figure>&NewLine;<&sol;figure>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>इनका रहा सहयोग <&sol;strong><br>सेमिनार का संचालन इंस्टीट्यूट के रांची शाखा के सीपीइ कमेटी की अध्यक्षा सीए श्रद्धा बागला ने किया। सेमिनार में शामिल विशेषज्ञों का भी उन्होंने धन्यवाद किया। सेमिनार के आयोजन में इंस्टीट्यूट के रांची शाखा के कोषाध्यक्ष सीए हरेंदर भर्ती और सीए स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सीए निशांत मोदी का भी सहयोग रहा।<&sol;p>&NewLine;

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