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BAU : जाने, लंपी वायरस के फैलाव पर वेटनरी छात्रों ने क्या किया…

&NewLine;<ul class&equals;"wp-block-list" id&equals;"block-91049896-c438-49a9-9bd0-326dfd5db1eb"><li><strong>वेटनरी कालेज में छात्रों के लिए लंपी वायरस पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन&comma;<&sol;strong> <strong>रांची के कांके हाट में वेटनरी छात्रों ने लंपीस्किन &lpar;गांठदार त्वचा&rpar; रोग पर जागरूकता अभियान चलाया<&sol;strong><&sol;li><&sol;ul>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>रांची &colon;<&sol;strong> रांची वेटनरी कालेज के राष्ट्रीय सेवा योजना यूनिट द्वारा देश में मवेशियों पर लंपी वायरस का प्रकोप&comma; देखभाल एवं बचाव विषय पर वेटनरी छात्रों के लिए पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में कालेज के कुल 26 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। छात्रों द्वारा पोस्टर के माध्यम से लंपी वायरस के उपयोगी बिंदुओं से सभी काफी प्रभावित हुए। छात्रों के पोस्टर प्रदर्शनी की डीन वेटनरी डा सुशील प्रसाद एवं कालेज के प्राध्यापकों ने काफी सराहना की। वहीं रांची वेटनरी कालेज के राष्ट्रीय सेवा योजना यूनिट ने कांके से सटे गांवों और स्थानीय कांके हाट में लंपीस्किन &lpar;गांठदार त्वचा&rpar; रोग पर जागरूकता अभियान चलाया। कालेज के एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डा प्रवीण कुमार के मार्गदर्शन में 25 सदस्यीय वेटनरी छात्रों के दल ने पोस्टर एवं अन्य माध्यमों से लंपी वायरस रोग के लक्षण&comma; बीमार पशुओं पर प्रभाव&comma; बचाव एवं देखभाल संबंधी जानकारी से करीब 72 पशुपालक और किसानों को जागरूक किया। छात्रों ने बताया कि मवेशियों में होने वाला यह एक संक्रामक रोग है। इस रोग से पशुओं की त्वचा पर गांठें होती हैं&comma; जो एक त्वचा रोग है। बुखार&comma; बढ़े हुए सतही लिम्फ नोड्स और 2-5 सेंटीमीटर व्यास &lpar;1-2 इंच&rpar; की कई नोड्यूल इसकी पहचान है। इस रोग से संक्रमित मवेशी के अंगों में सूजन और लंगड़ापन दिखता है। मवेशी की त्वचा को स्थायी नुकसान होता है और मवेशी की व्यावसायिक मूल्य कम हो जाती है। इस रोग से मवेशी में दुर्बलता&comma; कम दूध उत्पादन&comma; कम विकास&comma; बांझपन&comma; गर्भपात और कभी-कभी मवेशी की मृत्यु हो जाती है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<figure class&equals;"wp-block-gallery has-nested-images columns-default is-cropped wp-block-gallery-1 is-layout-flex wp-block-gallery-is-layout-flex">&NewLine;<figure class&equals;"wp-block-image size-large"><img data-id&equals;"564" src&equals;"https&colon;&sol;&sol;mauryanewslive18&period;files&period;wordpress&period;com&sol;2023&sol;11&sol;932fb-img-20221016-wa0026&period;jpg&quest;w&equals;1024&&num;038&semi;h&equals;461" alt&equals;"" class&equals;"wp-image-564" &sol;><&sol;figure>&NewLine;<&sol;figure>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>पीड़ित मवेशी की देखभाल और बचाव की दी गई जानकारी &colon;<&sol;strong><br>डा प्रवीण कुमार ने बताया कि इस अभियान में पीड़ित मवेशी की देखभाल और बचाव की विस्तृत जानकारी छात्रों द्वारा दी गई। पशुपालकों और किसानों ने एनएसएस कार्यक्रम अधीन वेटनरी छात्रों के प्रयासों की काफी सार्थक बताया और सराहना की। इस अभियान के सफल संचालन पर डीन वेटनरी डा सुशील प्रसाद तथा यूनिवर्सिटी एनएसएस को-आर्डिनेटर डा बीके झा ने एनएसएस पदाधिकारी एवं छात्रों को बधाई दी।<&sol;p>&NewLine;

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