Home खबर एनएन सिन्हा बने नोबा जीएसआर (NOBA GSR) के अध्यक्ष, राजेश मिश्रा उपाध्यक्ष

एनएन सिन्हा बने नोबा जीएसआर (NOBA GSR) के अध्यक्ष, राजेश मिश्रा उपाध्यक्ष

– नोबा जीएसआर के प्रतिष्ठित अध्यक्ष रमेश चंद्र मिश्रा का हाल ही में आकस्मिक निधन हो गया

– उनके असामयिक निधन के बाद संगठन की नेतृत्व संरचना में बदलाव किए गए हैं

रांची : नेतरहाट आवासीय विद्यालय के पूर्ववर्ती छात्रों की एक प्रमुख गैर-लाभकारी संस्था नोबा जीएसआर (NOBA GSR) जो महिलाओं को सशक्त बनाने और मासिक धर्म स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है, की नई कार्यपालिका टीम की घोषणा की गई। नोबा जीएसआर के प्रतिष्ठित अध्यक्ष रमेश चंद्र मिश्रा का हाल ही में आकस्मिक निधन हो गया। उनके असामयिक निधन के बाद संगठन की नेतृत्व संरचना में बदलाव किए गए हैं। कार्यकारिणी और निदेशक मंडल की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि वर्तमान उपाध्यक्ष नागेंद्र नाथ सिन्हा अध्यक्ष पद को संभालेंगे।

नागेंद्र नाथ सिन्हा 1987 बैच के झारखंड कैडर के आइएएस अधिकारी हैं। हाल ही में भारतीय सरकार के इस्पात सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनका अनुभव और मार्गदर्शन नोबा जीसीआर के उद्देश्यों को और मजबूती प्रदान करेगा। साथ ही राजेश चंद्र मिश्रा को सर्वसम्मति से नया उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। राजेश चंद्र मिश्रा विद्या विहार इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी पूर्णिया के अध्यक्ष हैं, ने उपाध्यक्ष का पदभार संभालने पर सहमति दी है और अपने पिता रमेश चंद्र मिश्रा की विरासत को आगे बढ़ाने का वादा किया।

राजेश मिश्रा पूर्व से ही सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, संगठन के विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। पूरा नेतरहाट परिवार रमेश चंद्र मिश्रा की अद्वितीय सेवाओं को सदैव याद रखेगा और उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए समाज और मानवता के लिए अपना कार्य जारी रखेगा। शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों में 1996 में विद्या विहार रेजिडेंशियल स्कूल की स्थापना और 2009 में विद्या विहार इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी की स्थापना शामिल हैं। उनकी दृष्टि और नेतृत्व ने इन संस्थानों को उच्च मानकों तक पहुंचाया है। नई टीम की जानकारी देते हुए को-फाउंडर विकास रंजन ने बताया नोबा जीएसआर ने अब तक 650 से ज्यादा सरकारी विद्यालयों में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगाई है। जिससे एक लाख से ज्यादा बच्चियां लाभान्वित हो रही हैं। विगत कुछ महीनों में न केवल बिहार एवं झारखंड बल्कि कर्नाटक, गुजरात, बंगाल, तेलंगाना, महाराष्ट्र राज्यों के भी सुदूर क्षेत्रों में संगिनी मशीन लगाई गई है। विकास ने बताया हमारी टीम दृढ़प्रतिज्ञ है, हर बच्ची एवं महिलाओं को साफ सुथरी माहवारी व्यवस्था प्रदान करना।
Maurya News18 Ranchi.

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