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केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में महापड़ाव 10 को…

  • संयुक्त ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर मजदूरों का महापड़ाव 9 अगस्त को धनबाद और 10 अगस्त को रांची में राजभवन के समक्ष

रांची : देश की जनता संकटग्रस्त है और स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इसके लिए केंद्र सरकार की मौजूदा नीतियां ही जिम्मेदार है। ये नीतियां न केवल हमारी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था बल्कि देश की एकता और अखंडता के लिए भी विनाशकारी साबित हो रही है। बेरोजगारी के साथ साथ रोजगार की स्थिति और गुणवत्ता में लगातार गिरावट, बेलगाम महंगाई, मौजूदा श्रम कानूनों का घोर उल्लंघन, कारपोरेट के हित में नया कानून बनाने की प्रक्रिया, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में लगातार कटौती आदि के कारण आम जनजीवन गहरे संकट में है। एक तरफ अमीरों और कारपोरेट को लाभ पहुंचाने की नीतियां, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के मौजूदा संकट को और गहरा कर रही हैं। जिसमें राष्ट्रीय मुद्रिकरण पाइपलाइन के तहत राष्ट्रीय संपत्तियों और उद्यमों का निजीकरण, कारपोरेट्स को छूट और राहत शामिल हैं। दूसरी तरफ आय की बढ़ती असमानता, भोजन, दवाओं पर जीएसटी लगाना, पेट्रोलियम उत्पादों पर उच्च उत्पाद शुल्क, स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली के निजीकरण ने सत्तारूढ़ दल के जनविरोधी चरित्र को उजागर किया है। इन विनाशकारी नीतियों को लागू करने के क्रम में संवैधानिक और लोकतांत्रिक मानदंडों का उल्लंघन किया जा रहा है। इन जनविरोधी नीतियों को उजागर करने देश बचाओ जनता बचाओ के नारा बुलंद करते हुए तथा वैकल्पिक नीतियों की मांगों को लोकप्रिय बनाने के लिए मेहनतकशों के बीच व्यापक जनसंपर्क चलाया गया। उक्त बातें एक प्रेसवार्ता के दौरान एटक के वक्ताओं ने कही।

ये हैं मांगे :

  • चार मजदूर विरोधी लेबर कोड को रद करना
  • किसानों के लिए वैधानिक एमएसपी सुनिश्चित करना
  • विनिवेश और एनएमपी के प्रयासों को समाप्त करना
  • बिजली संशोधन विधेयक एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति वापस करना
  • अनौपचारिक क्षेत्र के कामगार, ठेकेदार कामगार एवं स्कीम वर्करों के लिए कानूनी तथा सामाजिक सुरक्षा, समान काम के लिए समान वेतन, शहरी क्षेत्रों के लिए रोजगार गारंटी तथा मनरेगा की मजबूतीकरण सुनिश्चित करना
  • पुरानी पेंशन स्कीम लागू करना
  • पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क कम करना, मूल्य वृद्धि पर रोक लगाने के साथ साथ राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए अमीर और कार्पोरेट पर उच्च कर लगाने तथा जन सुविधाओं के क्षेत्रों में सार्वजनिक निवेश में वृद्धि।

ये रहे शामिल :
प्रेसवार्ता में एटक के महासचिव अशोक यादव, सीटू के कार्यकारी अध्यक्ष बबन सिंह, एकटू शुभेंदु सेन, इंटक के जिलाध्यक्ष अर्चना, सीटू के संयुक्त महासचिव आरती सिंह, एक्टू के प्रदेश सचिव सचिन भुवनेश्वर केवट, सीटू के अनिर्बन बास, प्रतीक मिश्रा, कोमल सिंह, कनक चौधरी, अजय सिंह, गोपाल शरण सिंह समेत कई अन्य शामिल रहे।

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